नदलेस ने की पुष्पा विवेक की कहानी 'अभिशप्त जीवन' पर परिचर्चा गोष्ठी
दिल्ली । नव दलित लेखक संघ की कहानी परिचर्चा एवं काव्य पाठ गोष्ठी पालम, दिल्ली स्थिति बंशीधर नाहरवाल के आवास पर आयोजित हुई। गोष्ठी दो चरणों में विभक्त रही। प्रथम चरण में पुष्पा विवेक की कहानी 'अभिशप्त जीवन' पर परिचर्चा हुई। दूसरे चरण में मदनलाल राज़, समय सिंह जोल, अमित धर्मसिंह, बंशीधर नाहरवाल, पुष्पा विवेक, बृजपाल सहज और मामचंद सागर आदि ने काव्य पाठ किया। प्रथम चरण की अध्यक्षता मदनलाल राज़ ने की और दूसरे चरण की अध्यक्षता मामचंद सागर ने की। संचालन बृजपाल सहज ने किया। गोष्ठी में मदनलाल राज़, मामचंद सागर, बृजपाल सहज, पुष्पा विवेक, डा. अमित धर्मसिंह, डा. गीता कृष्णांगी, बंशीधर नाहरवाल, समय सिंह जोल, संतोष देवी और इंद्रावती आदि उपस्थित रहे। सभी उपस्थित साहित्यकारों का धन्यवाद ज्ञापन संयोजक बंशीधर नाहरवाल ने किया। सर्वप्रथम पुष्पा विवेक ने अपनी कहानी अभिशप्त जीवन का प्रभावी वाचन किया। कहानी ऐसे दलित परिवार से संबंधित रही जिसमें पितृसत्ता और पुरुषसत्ता दोनों देखने को मिलती है। कहानी का मुख्य पात्र चुन्नीलाल, गैर जिम्मेदार और शराबी है। परिवार का ठीक से भरण पोषण नहीं कर पाता