'वोट फॉर ओल्ड पेंशन मार्च' मे जुटे सैंकड़ो सरकारी कर्मचारी






PM को ज्ञापन भेजकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई 



मुजफ्फरनगर।  सरकारी विभागों के शिक्षकों और कर्मचारियों के द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के लिए ‘वोट फॉर ओल्ड पेंशन मार्च' का आयोजन किया गया। पैदल मार्च में जनपद मुजफ्फरनगर के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्रतिभाग किया और जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।               

बुधवार को दोपहर 4 बजे हज़ारों की संख्या में पेंशन विहीन शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में एकत्रित हुए। वहाँ एकत्रित सभी विभागों के पेंशन विहीन साथियो को संबोधित करते हुए डॉ संजीव लांबा ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा है और शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी सरकार को बता देना चाहते हैं कि वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक पीछे नहीं हटेंगे, उन्हें एनपीएस में संशोधन नहीं चाहिए हूबहू पुरानी पेंशन चाहिए एनपीएस के दुखद परिणाम देख चुके हैं। एनपीएस केवल बाजार आधारित म्युचुअल फंड योजना है जिसे अच्छा लगे, वह ले ले, लेकिन जबरन न थोपा जाए।

रविंद्र नागर ने कहा कि पुरानी पेंशन बुढ़ापे में संतान की तरह सेवा करती है। पुरानी पेंशन देने वाले दल को ही इस बार सभी शिक्षक और कर्मचारी और उनके परिवार वोट करेंगे। उन्होंने सभी से एकजुट रहने का आह्वान किया। राहुल कुशवाहा ने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों में जोश भरते हुए कहा कि शिक्षक और कर्मचारी अब अपनी वोट की ताकत को समझ गया है। अब वो उसी को वोट देगा जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा। 

प्रीत वर्धन शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पेंशन बुढ़ापे का सहारा है। नई पेंशन कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ है। शिक्षक-कर्मचारी वर्ग राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से निवेदन करता है कि पुरानी पेंशन को लोकसभा चुनाव से पहले ही बहाल किया जाए ताकि सभी शिक्षक और कर्मचारी बुढ़ापे की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके। सीमा पर खड़ा अर्धसैनिक बल का जवान अपने बुढ़ापे की चिंता से मुक्त हो जाये। इसीलिए सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों, सिपाहियों, चिकित्सकों, अर्धसैनिक बल के जवानों, सफाईकर्मियों की पुरानी पेंशन जल्द से जल्द बहाल की जाए।

संबोधन के पश्चात पैदल मार्च प्रारम्भ हुआ और नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। वहां पर माननीय प्रधानमंत्री जी को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा गया। समापन पर सभी को संबोधित करते हुए यशपाल सिंह ने कहा कि प्रत्येक मतदाता को राष्ट्र हित मे अपनी वोट का प्रयोग करना चाहिए। लोकतंत्र में वोट का अधिकार ही एक सामान्य नागरिक को शासक बनाता है। हमारी मांग और आवश्यकता को पूरा करने वाले दल को ही सत्ता पर स्थापित किया जाना चाहिए और ऐसा केवल वोट के माध्यम से ही सम्भव है। सभी विभागों के शिक्षको, कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पुरानी पेंशन को बहाल कराने के लिए संगठित होकर प्रयास करने होंगे। राज्य और केंद्र सरकार को कर्मचारी हित में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए। तत्पश्चात सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को 'वोट फॉर ओल्ड पेंशन मार्च' को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

'वोट फॉर ओल्ड पेंशन मार्च' में स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, प्राथमिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वर्ग, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, महिला शिक्षक संघ, लेखपाल विभाग, TSCT, पहल, विद्युत विभाग, रेलवे विभाग, परिवहन विभाग, डाक विभाग, तहसील, कचहरी, वन विभाग, बागवानी विभाग आदि सभी विभागों के साथियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में वंदना बालियान, राजश्री, विजय कुमार त्यागी, राकेश राठी, सुदेश चौधरी, कपिल देव, आदर्श चौधरी, राहुल चौधरी, बाल किशोर, लखन वीर, मगन वीर, बी बी गुप्ता, मनीष गुप्ता, अरविंद मलिक, संदीप कौशिक, सुचित्रा सैनी, संजीव बालियान, राजन वशिष्ठ, राम रतन, फारुख हसन, मनोज त्यागी, विशाल भारद्वाज, औसाफ अहमद, रईसुद्दीन राना, अनिल कुमार, आकाशदीप, अक्षय कुमार, अमित शर्मा, संतोष, डॉ अमन, डॉ दीपक गर्ग, अंजलि गर्ग, शालिनी सिंह, प्रमोद कुमार, मदन पाल, पवन, हरिओम शर्मा, मनोज कुमार, यशपाल अरोरा, रमेश चंद, सुनील कुमार, कपिल, सार्थक शर्मा, अबुल हसन, अनुराग, अजय गुप्ता, अमित बालियान, अनिल कुमार, राहुल गोस्वामी, ऊषा रानी, मोनिका राठी, राकेश पासी, राखी चौधरी, संजीव जावला, महेंद्र सैनी, हाकम सिंह, बिजेंद्र बहादुर, तेज प्रताप आदि का सहयोग रहा।

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