कुरान करीम के हुक्म पर अमल करने में ही कामयाबी है:मौलाना मूसा

 

 जानसठ (फरीद अंसारी) 


तहसील वाली मस्जिद में  रमजान की 19वीं रात को तरावीह की नमाज़ में मौलाना मूसा ने पवित्र क़ुरआन को मुकम्मल किया और हाफ़िज़ शौकिन ने सुनने का काम किया। इस मौके पर नमाजी लोगों के सामने बात करते हुए  मौलाना मूसा ने कहा कि क़ुरान पाक एक पाक किताब है जो आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद (सल°) पर उतारी गई हैं, क़ुरान दुनिया की एकमात्र ऐसी किताब है जो आज भी अपने मूल रूप में मौजूद है और इसकी सुरक्षा की जिम्मदारी स्वयं अल्लाह तआला ने ख़ुद ली है। पवित्र क़ुरआन हिदायत की किताब है। उन्होंने कहा कि मुसलमान स्वयं भी पवित्र क़ुरआन को पढ़े और अपने बच्चों को भी पढ़ाना चाहिए। 

इस अवसर पर मदरसा तालीम उल क़ुरान के प्रमुख मौलाना लुक़मान मज़हरी ने भी पवित्र कुरान के बारे में चर्चा की और कहा कि पवित्र कुरान परहेज़गारों के लिए  गुनाहों से बच कर जिंदगी गुजारने वालो के लिए मार्गदर्शन की एक पुस्तक है, यह पाक क़ुरान ज्ञान का स्रोत हैं यह अच्छाई का स्रोत हैं, उन्होंने कहा कि मुसलमानो को कुरान के हुक्म के मुताबिक जिंदगी गुजारनी चाहिए।

मुसलमान  जब से क़ुरान को छोड़ रहा है तो दुनिया वह अखिरत में अपमानित हों रहा है । उन्होंने  समाज में बढ़ती होई गलत घटनाओं को देखते हुए मुसलमान बच्चों के दरम्यान ख़ास तौर से धार्मिक वह बौद्धिक और समाज सुधार प्रयासों को गति देने का अनुरोध भी किया।

 आखिर  में हजरत मौलाना लुकमान मजाहिरी ने मुल्क में अमन वह अमान की दुआ कराई और इसी के साथ बैठक खत्म हुई।

 इस मौके पर मौलाना मूसा हाफिज शौकिन हाजी यूनुस, हाफिज जुबैर, मौलवी सुफयान, हाजी मुहम्मद मन्नू, हाफिज याकूब यामीन कुरैशी, सद्र आलम आदि मौजूद रहे।

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