नव दलित लेखक संघ की आम सभा की बैठक में हुआ दूसरी कार्यकारिणी का चुनाव







दिल्ली। नव दलित लेखक संघ की आम सभा की बैठक का आयोजन शाहदरा के लोनी रोड स्थित संघाराम बुद्ध विहार में किया गया। बैठक की कार्यवाही दो चरणों में सम्पन्न हुई। प्रथम चरण में गत वर्ष की सम्पूर्ण कार्यवाही पर प्रकाश डाला गया। महासचिव रहे डा. अमित धर्मसिंह ने बताया कि गत वर्ष 14 सितंबर 2021, हिंदी दिवस के दिन नदलेस का गठन किया गया था। गत एक वर्ष में नदलेस ने करीब तैंतीस छोटे-बड़े कार्यक्रम और गोष्ठियां आदि की। वार्षिक संकलन 'सोच' का प्रकाशन किया। नदलेस का संविधान और वार्षिक नामा तैयार किया। दो समरूप दलित लेखक संघों को एक कराने हेतु प्रस्ताव पत्र तैयार किया। दलित साहित्य और साहित्यकारों के प्रतिनिधित्व के लिए साहित्य अकादमी और संस्कृति मंत्रालय को पत्र लिखे, जिसका सकारात्मक परिणाम आया। भारतीय दलित साहित्य एवं साहित्यकार कोश निर्माण की महती योजना बनाई, जिस पर कार्य चल रहा है। नदलेस के विस्तार के लिए देश के तमाम राज्यों में राज्य कार्यकारिणियां बनाने हेतु कुछ राज्यों के दलित रचनाकारों को आह्वान पत्र भेजा गया। कुल मिलाकर नदलेस का गठन और प्रथम कार्यकारिणी का कार्यकाल रचनात्मक रूप से अत्यंत सफल रहा। कोषाध्यक्ष बृजपाल सहज ने जानकारी दी कि नदलेस की गत वर्ष की कुल आय इकत्तीस हजार तीन सौ पचास रुपए रही जिसमें से उनत्तीस हजार नौ सौ अट्ठानवे रूपए व्यय हुए। इस वक्त संगठन के पास एक हजार तीन सौ बावन रुपए नकद शेष हैं। बैठक में बनाए गए अस्थायी अंकेक्षक बंशीधर नाहरवाल ने उक्त सभी विवरण की पुष्टि करते हुए अनुमोदन किया। तत्पश्चात, ईश कुमार गंगानिया द्वारा अध्यक्ष रहे डा. अनिल कुमार का माल्यार्पण किया गया। डा. अनिल कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि नदलेस से जुड़ना एक शानदार अनुभव रहा। कार्यकारिणी के सभी साथियों का पूरे वर्ष बहुत सम्मान मिला जिसके लिए मैं सबका आभारी हूं। उम्मीद करता हूं कि आगामी कार्यकारिणी नदलेस को और अधिक बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान देगी।
          बैठक के दूसरे चरण में नदलेस की दूसरी कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ जिसमें अध्यक्ष डा. कुसुम वियोगी, उपाध्यक्ष मदनलाल राज़, महासचिव डा. अमित धर्मसिंह, सचिव डा. अमिता मेहरोलिया, संयुक्त सहसचिव डा. हरकेश कुमार और बृजपाल सहज, संयुक्त प्रचार सचिव हुमा खातून और सोमी सैन, कोषाध्यक्ष लोकेश कुमार, अंकेक्षक बंशीधर नाहरवाल, सदस्य डा.गीता कृष्णांगी और महिपाल बनाए गए। ऑनलाइन सहमति के आधार पर नीरज सौदाई, समय सिंह जोल और रोक्सी को भी कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। पूर्व कार्यकारिणी के संरक्षक मंडल में सदस्य रहे डा. रामनिवास, कर्मशील भारती और पुष्पा विवेक को सम्मानित सदस्य के तौर पर कार्यकारिणी में शामिल किया गया। सोच के संपादक के रूप में डा. अनिल कुमार का चुनाव हुआ। कार्यकारिणी के चुनाव उपरांत गत कार्यकारिणी में अध्यक्ष रहे डा. अनिल कुमार ने नव निर्वाचित अध्यक्ष डा. कुसुम वियोगी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। ईश कुमार गंगानिया ने डा. कुसुम वियोगी को नदलेस मार्का पैन भेंट किया। नव निर्वाचित अध्यक्ष डा. कुसुम वियोगी ने कहा कि नदलेस ने मुझे अध्यक्ष पद के योग्य समझा उसके लिए मैं तमाम सदस्यों और पदाधिकारियों का हृदय से आभारी हूं। मैं नदलेस को विश्वास दिलाता हूं कि नदलेस की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। साथ ही नव निर्वाचित अध्यक्ष डा. कुसुम वियोगी ने नव निर्वाचित कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और उपस्थित साहित्यकारों को नदलेस मार्का, एक-एक पैन सम्मान स्वरूप भेंट किया। इस दौरान सभी पदाधिकारियों और सदस्यों आदि ने अपने-अपने उद्गार प्रकट किए जिनमें उन्होंने अपने पद अनुरूप कार्य करने का विश्वास दिलाया। बैठक के द्वितीय चरण की औपचारिक अध्यक्षता कर रहे ईश कुमार गंगानिया ने दलित शब्द के प्रयोग पर प्रश्नचिन्ह लगाया साथ ही टूटते जा रहे संगठनों के आलोक में नदलेस की पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और लोकतांत्रिक ढंग से कार्य करते रहने की प्रसंशा की। बैठक का संचालन डा. अमित धर्मसिंह ने किया। सभी उपस्थित साहित्यकारों का धन्यवाद ज्ञापन डा. अनिल कुमार ने किया।


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