क्या जानते है आप वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर 1090 की ताकत




अपर्णा बंसल


 मेरठ। कोई भी पीड़ित महिला या उसकी महिला रिश्तेदार अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है। शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। पीड़िता को किसी भी हालत में पुलिस थाने या किसी आफिस में नहीं बुलाया जाएगा।


आइए जानते है वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर 1090 की ताकत के बारे में

  थाना रजपुरा जिला संभल में तैनात महिला उपनिरिक्षक अपर्णा बंसल ने महिलाओं को जागरूक करने के लिए वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर 1090 पर विस्तार से चर्चा कर बताए इसके फायदे। उन्होने बताया कि कोई भी पीड़ित महिला, उसकी महिला रिश्तेदार या सहेली सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश मिलने, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, मोबाइल पर अश्लील कॉल या मैसेज आने या फिर घर और बाहर कहीं भी छेड़खानी, हिंसा एवं यौन उत्पीड़न होने पर 1090 पर निशुल्क शिकायत दर्ज करवा सकती है।


महिला उत्पीड़न की शिकायत कैसे करें?

महिला आयोग में शिकायक करने के लिए आप upmahilaayog@yahoo.com पर मेल कर सकते हैं। महिला आयोग में व्हाट्सऐप के जरिए शिकायत की जा सकती है।  6306511708 पर शिकायत करें । महिला आयोग में फैक्स करके भी शिकायत की जा सकती है। महिलाओं की मदद के लिए सरकार ने नंबर जारी किए हैं। इन पर कॉल करके तुरंत मदद पाई जा सकती है। वुमंस हेल्पलाइन नंबर 1090 पूरे देश के लिए है। इसके अलावा महिलाएं नेशनल कमिशन फॉर वुमन (ठउह) में अपनी कोई बात रखना चाहें तो वे 0111-23219750 पर कॉल कर सकती हैं। शहर हो या गांव अक्सर कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो हिंसा और उत्पीड़न का शिकार होती हैं लेकिन लोक लाज के चक्कर में शिकायत नहीं करती हैं ऐसे ही कुछ महिलाएं बाहर ही नहीं बल्कि घरों में भी यौन शोषण और हिंसा का शिकार बनती हैं मगर खामोश रहती हैं इसी परेशानी के मद्देनजर 10 साल पहले यूपी में वूमेन पावर हेल्पलाइन की शुरूआत हुई थी।


वूूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर की विशेषताएं

01.पीड़िता को किसी भी हालत में थाने या किसी आफिस में नहीं बुलाया जाता जाएगा ।

02. हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करने का काम महिला पुलिस अधिकारी/कर्मी द्वारा ही किया जाता है, जिससे पीड़िता बेझिझक होकर अपनी बात कह सकती हैं।

03. हेल्पलाइन में तैनात महिला पुलिस कर्मी अपने वरिष्ठ पुरूष पुलिस कर्मियों को पीड़िता की केवल उतनी ही जानकारी/सूचना उपलब्ध करवायेगी, जितना की विवेचना के लिये पर्याप्त हो, जिससे किसी भी पीड़ित महिला का निजता को बरकरार रखा जा सके ।

04. कॉल सेंटर दर्ज शिकायत पर तब तक काम करता है, जब तक उस पर पूरी कार्रवाई नहीं हो जाती है।

05. कॉल सेंटर में कार्य करने वाली महिला पुलिस कर्मियों विशेष ट्रेनिंग जाती है, जिससे वे पीड़िता से विनम्रता व संवेदनशीलता के साथ बात कर सके व पीड़ित खुद सहज महसूस कर सके ।


मुख्य उद्देश्य

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को पकड़ना और उन्हें दोषी ठहराना नहीं है, बल्कि उन्हें रोकना है और महिला लोक से संबंधित लिंग उत्पीड़न की सामाजिक बुराई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह अनुमान लगाया जाता है कि छेड़खानी करने वाला एक बार अपने कदाचार से बच जाएगा, क्योंकि वे अपने कार्यों के लिए बाहर हैं और चरित्र प्रमाण पत्र या अन्य सत्यापन प्राप्त करने से रोकते हैं, जो नौकरी या अन्य प्रकार की आवश्यकताओं को हासिल करने के लिए काफी आवश्यक हैं। वूमेन पावर लाइन का उद्देश्य महिलाओं के प्रति विकृत पुरुष लोक के सामाजिक व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना है। यह उन लोगों के दिमाग से खेलता है जो संदेश और फोन कॉल के माध्यम से सड़कों पर महिलाओं को परेशान करते हैं । अपराधियों को महिला अधिकारों, लिंग संवेदनशील व्यवहार पर सलाह दी जाती है और यदि आवश्यक हो, तो उनके परिवार के सदस्यों के सामने उनके गलत हरकतों के बारे खुलासा कर, उनमें "सुधार" करने का प्रयास किया जाएगा, क्युंकि ऐसा इसलिए की सामाजिक अपमान होने का मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। इससे गलत हरकत करने वाले लोग गलत हरकत नहीं करेंगे और छोटे अपराधों को बड़े अपराध में तब्दील होने से पहले ही रुक जाएगा।


महिला उपनिरिक्षक अपर्णा बंसल का कहना है कि वर्क प्लेस पर यदि किसी महिला का यौन उत्पीड़न होता है तो वह यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकती है। इन अधिकारों के विषय में हर महिला या व्यक्ति को  मालूम होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति महिलाओं को इन अधिकारों को लेने से रोक नहीं सकता।

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