हृदय के बाद लीवर हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग: डा. संजीव



-वेंक्टेश्वरा में हुआ 'विश्व यकृत (लीवर) दिवस' पर राष्ट्रीय सेमीनार

मेरठ। दिल्ली-रूडकी बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान एवं वेंक्टेश्वरा मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में विश्व यकृत दिवस (वर्ल्ड लीवर डे) पर एक राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए दो दर्जन से अधिक (25) विख्यात चिकित्सकों ने लीवर से संबंधित बीमारियों, उनके लक्षणों, डॉयग्नोसिस (जांच) एवं प्रभावी उपचार पर विस्तार से जानकारी देते हुए उपस्थित मेडिकल स्टूडेंटस से लीवर की सेहत एवं इसके बारे में सामान्य जनमानस के लिए जागरूकता अभियान चलाने की वकालत की। 

वेंक्टेश्वरा संस्थान के डॉ. सीवी रमन केन्द्रीय सभागार में आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. पीके भारती, एमएस डॉ. एनके कालिया, विख्यात चिकित्सक डॉ. संजीव भट्ट, डॉ. सीमा गुप्ता, डॉ. विनय कुमार एवं डॉ. शशीकिरन आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। अपने संबोधन में समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि ने कहा, वेंक्टेश्वरा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में लीवर, फेफड़ों, किडनी, पेट एवं आंतों के विशेषज्ञ विख्यात चिकित्सक उपलब्ध है। अब इन से संबंधित बीमारियों के मरीजों को दिल्ली, चंडीगढ़ या दूसरे शहरों की ओर मंहगे उपचार के लिए नहीं जाना होगा। मुख्य वक्ता एवं विख्यात चिकित्सक प्रो. (डॉ.) संजीव भट् ने कहा, हृदय के बाद लीवर हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन के साथ-2 विभिन्न दवाइयों एवं टॉक्सिन्स के विशैले प्रभाव को खत्म करके हमारी सेहत का ध्यान रखता है। सेमीनार को विख्यात चिकित्सक डॉ. सीमा गुप्ता, डॉ. शैली सक्सेना, डॉ. विनय कुमार, डॉ. अनुभव भटनागर, डॉ. अर्पिता श्रीवास्तव, डॉ. सची अहलावत आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. पीयूष पाण्डे, निदेशक डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, निदेशक एडमिशन अलका सिंह, निदेशक एडमिनिस्ट्रेशन डॉ. राकेश यादव, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. इकराम ईलाही, डॉ. प्रियंका, अरूण गोस्वामी एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि उपस्थित रहें।

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