सरकारी कागजों में जिंदा 'मल्लो' को कर दिया मृत घोषित

 


-डीएम ने एसडीएम को सौंपी जांच, तहसीलदार की जांच में लेखपाल दोषी

-प्रोपर्टी हथियाने के लालच में देवर ने किया कारनामा, महिला ने की फरियाद

लियाकत मंसूरी

मेरठ। वसीम बरेलवी का एक शेर है: 'उसूलों पर जहां आंच आए टकराना जरूरी है, जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है'। ऐसा ही एक मामला मेरठ में आया है, यहां जनपद की एक महिला को मृत घोषित कर दिया गया है, हालांकि उसे मृत कागजों में किया गया है। अब वह खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश कर रही है। कई सालों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही है। इस मामले में डीएम ने एसडीएम को जांच सौंप दी है। एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने जांच शुरू कर दी है। अभी तक की जांच में लेखपाल दोषी पाया जा रहा है।


जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची थाना कोतवाली क्षेत्र के तोपचीवाड़ा निवासी मल्लो पत्नी स्व. अब्दुल सत्तार ने बताया, उसकी अलीपुर जिजमाना व ढिकौली में कृषि भूमि है। आरोप लगाया, कल्लू पुत्र एजाजुद्दीन, शुऐब पुत्र अब्दुल वहाब, उवैस पुत्र कल्लू मियां ने गैर कानूनी तरीके से इस कृषि भूमि को हथियाना चाहते हैं। सरकारी कागजों में उसको मृत घोषित करा दिया और किसी कथित वसीयत के आधार पर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम अंकित करा लिया। जानकारी मिलने पर कचहरी व तहसील में जाकर राजस्व अभिलेखों को देखा तो मालूम हुआ, आरोपियों ने तत्कालीन हलका लेखपाल से संपर्क स्थापित करके कागजों में उसको मृत घोषित करा दिया। इस पूरे खेल में लेखपाल की भूमिका संदिग्ध है। लेखपाल ने ही षड्यंत्र करके सरकारी कागजों में उसको मृत घोषित किया। मल्लो ने आरोपी 2017 से साजिश रच रहे थे, संभावना है कि कोई फर्जी वसीयत भी बनवा रखी होंगी, डीएम से पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की गई। 

प्रशासन की ओर से लेखपाल पर कार्रवाई शून्य

मल्लो की ओर से प्रार्थना पत्र मिलने के बाद डीएम ने इसे गंभरता से लिया। एसडीएम को जांच कराने के आदेश दिए। डीएम ने लिखा-'यदि कोई कर्मचारी दोषी पाया जाए तो उसके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए'। एसडीएम ने भी मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल तहसीलदार को जांच सौंप दी। जांच में लेखपाल दोषी पाया गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से लेखपाल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कल्लू मियां की फैक्ट्री में पुलिस ने मारा था छापा

मल्लो ने बताया, थाना खरखौदा पुलिस ने गत चार अप्रेल 2017 को अल हबीब फ्रोजन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारा था। फैक्ट्री से पुलिस ने 25-30 क्विंटल गोमांस बरामद किया था। मथुरा लैब ने गोमांस की पुष्टि की थी। फैक्ट्री को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था। आरोप लगाया, मोटी घूस लेकर फैक्ट्री खोल दी गई और तत्कालीन थानाध्यक्ष खरखौदा व चौकी इंचार्ज बिजली बंबा ने उक्त मुकदमे में वास्तविक अपराधी व फैक्ट्री मालिक कल्लू मियां को बचाकर निर्दोष व्यक्ति को फंसा दिया। उक्त मुकदमा आज भी न्यायालय में विचारधीन है।

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