विश्वविद्यालय जल्द कराएगा पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम

 

-2016 से नहीं हुआ पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम, नई शिक्षा नीति के तहत 2020 में खत्म हुई एमफिल

मेरठ। पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम न होने के कारण विद्यार्थी देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध करने के लिए चले जाते हैं। क्योंकि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बीते सात साल से पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है। लेकिन पीएचडी का करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब बाहर नहीं जाना पडेÞगा, क्योंकि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय जल्द ही पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम कराने जा रहा है। मार्च माह में एंट्रेंस एग्जाम के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा, तथा मई माह में इसकी परीक्षा भी करा दी जाएगी।

चौधरी चरण ंिसह विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें पीएचडी एग्जाम को लेकर चर्चा की गई तथा जल्द पीएचडी एग्जाम कराने का निर्णय लिया गया। बताते चलें कि 2016 से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है। केवल नेट उतीर्ण करने वाले छात्र पीएचडी कर रहे थे। यही नहीं नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल को भी बंद कर दिया गया। जिसके कारण पीएचडी करने का सपना देखने वाले छात्र काफी निराश हो गए थे। लेकिन ऐसे छात्रों के लिए अब सुनहरा अवसर है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कुलपति ने रिसर्च सेक्शन को विभागानुसार सीटों की संख्या एकत्र करने के लिए निर्देश दिए है। यह नहीं कुलपति ने महाविद्यालयों में नियामानुसार रिसर्च गाईड बनाने के भी निर्देश दिए हैं। जल्द ही पीएचडी एंट्रेंस का समन्वयक नियुक्त कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

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