आईसीआईसीआई ने किया 982 करोड़ दावों का निपटारा

 

-बिना जांच किए मृत्यु दावे को निपटाने के लिए 1.4 दिनों का रहा औसत समय

मेरठ। वित्त वर्ष 2021 के दौरान आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का दावा निपटान अनुपात 97.9 प्रतिशत था। कंपनी को बिना जांच किए गए मृत्यु दावों को निपटाने में औसतन 1.4 दिन लगे। वित्त वर्ष 2022 को समाप्त 9 महीने के लिए कंपनी ने 982 करोड़ रुपये मूल्य के कोविड-19 संबंधित दावों का निपटारा किया।

विशेष रूप से महामारी के दौरान ग्राहकों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया सहित ग्राहक सेवा को तेज, सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिएए कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) जैसी डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर रही है। आरपीए और ओसीआर जैसी तकनीकों का उपयोग हामीदारी, दावों के मूल्यांकन, पॉलिसीज को बेचने या नवीनीकृत करने और अनुकूलित ऑफ़र की पेशकश के लिए भी किया जा रहा है। ग्राहक सेवा अनुरोधों को शुरू करने और पूरा करने, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने और प्रीमियम भुगतान प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए व्हाट्सएप, मोबाइल ऐप, वेबसाइट, चैटबॉट लीगो इत्यादि जैसे किसी भी डिजिटल टच पॉइंट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा कंपनी द्वारा विकसित मोबाइल ऐप ग्राहकों को शीर्ष लेनदेन विकल्पों तक आसानी से पहुंचने के लिए डैशबोर्ड का लेआउट चुनने में सक्षम बनाता है। उदाहरण के लिए यदि ग्राहक देय प्रीमियम राशि या फंड वैल्यू को बार-बार देखना चाहता है तो वे लैंडिंग पृष्ठ पर ही उन टैब को पुनर्व्यवस्थित कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्राहक नेटवर्क के अभाव में भी मोबाइल ऐप पर पॉलिसी की जानकारी प्राप्त कर सकता है। कंपनी ने एक मल्टी चैनल वितरण नेटवर्क और सर्विस आर्किटेक्चर विकसित किया है, जिसमें कंपनी की शाखाएं, कॉल सेंटर, ईमेल, वेबसाइट और मोबाइल ऐप शामिल हैं जो ग्राहकों को उनकी पसंद के अनुसार कंपनी के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाता है।

प्रौद्योगिकी ने प्रक्रियाओं को सक्षम बनाया

आशीष राव (ईवीपी और चीफ-कस्टमर एक्सपीरियंस एंड ऑपरेशंस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस) ने कहा, हमारी सभी डिजिटलाइजेशन पहलों का उद्देश्य ग्राहकों को सशक्त बनाना और उन्हें परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करना है। प्रौद्योगिकी ने प्रक्रियाओं को सक्षम बना दिया है और सुनिश्चित किया है कि ग्राहक अपने घर बैठे सुरक्षित तरीके अपनी पॉलिसीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। 90 प्रतिशत से अधिक सेवा अनुरोध अब स्व.सहायता प्रकृति के हैं। 

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