मेजर जनरल डा.जी.के. थापलियाल बने सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति






मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के छठे कुलपति के रूप में मेजर जनरल डा. जी.के. थापलियाल ने सोमवार सुबह पदभार ग्रहण कर लिया। उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के तहत मेजर जनरल डा.जी.के थापलियाल को स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के छठे कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व के कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी सिंह को पदोन्नत करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति का दायित्व सौंपा गया है।

 


कुलपति सभागार में नवनियुक्त कुलपति डा.जी.के थापलियाल का स्वागत सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण के नेतृत्व में कुलसचिव डी.के. सक्सैना की उपस्थिति में सभी संकायों के प्राचार्य व विभागाध्यक्षों ने किया। बतातें चले कि मेजर जनरल सेवानिवृत्त डा.जी.के. थापलियाल का चयन सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड द्वारा गहन प्रक्रिया के उपरांत एवं गवर्निंग बॉडी से पूर्ण स्वीकृति लेकर किया गया है।


मेजर जनरल डा.जी.के. थापलियाल ने केजीएमयू लखनऊ से स्नातक करने के बाद सशस्त्र बल मेडिकल कॉलिज पुणे से मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में एम.डी.एस. किया है। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना में 35 वर्ष चिकित्सीय सेवाएं देते हुए वर्ष 2015 में मेजर जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। राष्ट्र और सशस्त्र बलों के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें गणतंत्र दिवस 2015 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित पुरस्कार सेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। भारत और विदेशों में विभिन्न क्षमताओं में लगभग 35 वर्षों तक भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए उन्हें कंबोडिया में यूनाइटेड नेशन पीस कीपिंग फोर्स कमांडर, आर्मी कमांडर दक्षिणी और पश्चिमी कमांड सहित कमांडरों से प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही भारत सरकार की यूपीएससी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली, ओएनजीसी मुंबई, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के संकाय के चयन और पदोन्नति के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार भी रहे हैं।


नये कुलपति का चार्ज लेने के बाद डा.जी.के थापलियाल ने कहा कि अनुसंधान के साथ शिक्षा को सुगम बनाना एवं विद्यार्थियों के हित में कार्य करना उनकी पहली प्राथमिकता रहेंगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा प्रणाली के माध्यम से शैक्षिक कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विद्यार्थियों में कौशल विकास को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने विशेष कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय राष्ट्रीयता के प्रतीक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है जो बड़े हर्ष की बात है और इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए वह कार्य करेंगे।


सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने नवनियुक्त कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के. थापलियाल का सुभारती परिवार की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि डा.जी.के थापलियाल ने सेना में मेजर जनरल रहते हुए देश की सेवा की है और अब सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाल कर शिक्षा के क्षेत्र में देश को सशक्त बनाने का दायित्व लिया है। उन्होंने कुलपति डा.जी.के.थापलियाल को सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुलपति विश्वविद्यालय का कमांडर होता है और सौभाग्यवश श्री थापलियाल जी सेना से सेवानिवृत्त है जो सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से विद्यार्थियों का कुशल मार्ग दर्शन करेंगे।


सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज ने नवनियुक्त कुलपति डा.जी.के. थापलियाल को चार्ज लेने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने  कहा कि कुलपति डा.जी.के थापलियाल भी सेना की पृष्ठभूमि से विस्तृत संबंध रखते है, तो सभी को सकारात्मक आशा है कि नवागंतुक कुलपति के नेतृत्व में सुभारती विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करके अपनी योग्यता से देशहित में कार्य करेंगे।


सुभारती विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी.सिंह ने डा. जी. के. थपलियाल को बधाई दी एवं आश्वासन दिया कि वें विश्वविद्यालय को और अधिक गरिमामयी बनाने एवं शिक्षा व अुनसंधान के क्षेत्र में नये कीर्तिमान तक पहुंचाने में पूर्ण सहयोग देंगे।

इस अवसर पर प्रति कुलाधिपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी.सिंह, प्रतिकुलपति डा. विजय वधावन, कुलसचिव, डी.के. सक्सैना, परीक्षा नियंत्रक पूनम कौशिक सहित सभी संकायों के प्राचार्य, विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

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