टीबी लाइलाज बीमारी नहीं, समय पर उपचार होने से मिल सकता छुटकारा : डीटीओ
दस्तक अभियान में 5859 लोगों की हुई स्क्रीनिंग, टीबी के चार मरीज मिले
मेरठ, 6 अक्टूबर 2021। जनपद में 16 से 30 सितम्बर तक चले दस्तक अभियान में जिला क्षय रोग विभाग ने टीबी के चार मरीजों को खोज निकाला। इन सभी का उपचार शुरू हो गया है। दस्तक अभियान के तहत जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले करीब 5859 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। इसमें 39 लोग ऐसे मिले जिनमें टीबी से मिलते-जुलते लक्षण थे। सभी की जांच की गयी, जिसमें चार लोगों में टीबी की पुष्टि हुई।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. गुलशन राय ने बताया जनपद में 16 से 30 सितम्बर तक चले दस्तक अभियान में विभाग की ओर से 5859 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। इसमें 39 लोग ऐसे थे जिनमें टीबी से मिलते जुलते लक्षण थे। सैंपल जांच में चार लोग पॉजिटिव निकले। चारों का उपचार शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया विभाग की टीम ने मदरसों, ईंट भट्ठों, मलिन बस्तियों , बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, जिला कारागार के अतिरिक्त गांवों में चौपाल लगा कर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया । । इस दौरान धर्म गुरुओं का भी सहयोग लिया गया। इस्लामिया अरबिया, दाऊल अरबिया, दारूल अरबिया कांच का पुल, दारूल निजामिया हुमायूं नगर, जामिया मदनिया क्षेत्र में दस्तक अभियान चलाया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर उपचार मिलने पर टीबी से छुटकारा मिल सकता है। दो हफ्ते से लगातार खांसी आना, बलगम में खून आना ,भूख न लगना, वजन कम होना, बढ़ती उम्र के बच्चों का वजन न बढ़ना आदि टीबी के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के इलाज के दौरान मरीज को पोषण के लिए प्रति माह पांच सौ रुपये दिये जाते हैं। यह रकम मरीज के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। उन्होंने बताया टीबी का उपचार पूरी तरह निशुल्क है। जनपद में सीबीनॉट व ट्रूनेट मशीन से टीबी की जांच की जाती है। जिले में 45 केन्द्रों पर टीबी जांच की व्यवस्था है।
उन्होंने बताया वर्ष पिछले तीन वर्षों (सन् 2019 से 2021 सितम्बर तक) में विभाग द्वारा 18 हजार व निजी अस्पतालों में 11 हजार से अधिक टीबी के मरीज चिह्नित किये गये । जियो टैगिंग के माध्यम से अब तक 17 हजार मरीजों को चिह्नित किया जा चुका हैं।