मुजफ्फरनगर को एनसीआर से बाहर करने की मांग उठी

  




मुजफ्फरनगर। खतौली तहसील के ग्राम नावला में  कृष्ण त्यागी के आवास पर किसानों की एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में आंदोलन जनकल्याण के संयोजक प्रमोद कुमार ने कहा कि एनसीआर योजना बोर्ड ने मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041 को मंजूरी देकर सरकार एनसीआर के 150 से 175 किमी तक फैले क्षेत्र को राजघाट से 100 किमी दायरे में समेटने की तैयारी कर रही है। 100 किमी के दायरे में आंशिक रूप से पडने वाली तहसीलों का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ने की बात कही गई है। अगर ऐसा होता है, तो केवल मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील एनसीआर से बाहर होगी।

प्रमोद कुमार ने कहा कि जब से मुजफ्फरनगर एनसीआर में शामिल हुआ है प्रदूषण के नाम पर चाहे उद्योग धंधे हो या किसानों के ट्रैक्टर, गाड़ियां यहां तक खेतों में गन्ने की पत्ती- धान की पराली जलाने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और जिले का भट्टा उद्योग तो एनसीआर के कानूनी प्रावधानों से सबसे ज्यादा पीड़ित है। उपरोक्त समस्या समाधान हेतु वह कई बार केंद्र और राज्य सरकार दोनों को लिख चुके हैं कि या तो हमारी बात सुनी जाए वरना हमारे जिले को एनसीआर क्षेत्र से बाहर किया जाए। उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान से कहा  कि पूरे मुजफ्फरनगर क्षेत्र को एनसीआर से बाहर करवाने में एक मजबूत पक्ष एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के सामने रखा जाए, ताकि मुजफ्फरनगर वासी सुख चैन से कारोबार और खेती किसानी कर सकें। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह पूरे मुजफ्फरनगर में इसके लिए एक बड़ा अभियान चलाएंगे क्योंकि एनसीआर के विकास के नाम पर लोगों की रोटी रोजी पर ताला लगाना ठीक नहीं है।

बैठक में सदानंद, दिनेश त्यागी, कर्मवीर त्यागी ,उमेश कुमार, बृजपाल त्यागी,चोना नंबरदार, विकास त्यागी, राकेश त्यागी आदि मौजूद रहे।

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