जिसने श्रीराम को अपनाया, उसका जीवन हुआ सफल

 


-भैंसाली ग्राउंड में हो रहा रामलीला का आयोजन, आज होगा पुतला दहन


मेरठ। कैंट क्षेत्र के भैंसाली ग्राउंड में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले तैयार हो चुके हैं। आज दशहरा है, इसकी तैयारी एक सप्ताह से यहां चल रही थी। भैंसाली में इस बार रामलीला का आयोजन काया कला केंद्र दिल्ली के द्वारा किया जा रहा है, जिसमें श्रीराम की भूमिका चीनू घोसाई, माता सीता के रूप में सरिता शर्मा, राहुल झा लक्ष्मण बने हैं, जबकि रावण के किरदार में सुरेश पांडेय है। भैंसाली की रामलीला को काफी पसंद किया जा रहा है।  

2009 से श्रीराम बने हैं चीनू घोसाई

भैंसाली ग्राउंड में हो रही रामलीला में उत्तराखंड के चीनू घोसाई भगवान श्रीराम का किरदार निभा रहे हैं। चीनू ने बताया कि वे 2009 से श्रीराम की भूमिका रामलीला में कर रहे हैं। 11 साल में उनके अंदर काफी परिवर्तन आया है। भगवान राम हम सबके आदर्श है। उनका स्वभाव बड़ा शांत और सरल था। श्रीराम के बताए मार्ग पर चलकर ही इंसान भगवान को पा सकता है। श्रीराम का किरदार निभाते-निभाते उनका भी अब शांत स्वभाव हो गया है। कहा कि जिसने श्रीराम को अपनाया, उसका जीवन सफल हो गया।

अब जींस नहीं पहनती सरिता शर्मा

सरिता शर्मा सीता बनी है। सरिता का कहना है कि हर महिला को माता सीता जैसा जीवन जीना चाहिए। वनवास में बिताया हुआ जीवन और लंका में गुजरे दिन हर महिला के लिए इबरत है। वे कई साल से सीता का किरदार रामलीला में निभा रहे हैं। सीता का किरदार निभाने से पहले वह जींस और टीशर्ट पहनती थी, लेकिन अब जैसे-जैसे माता सीता को जाना तो उनका जीवन ही बदल गया। अब जींस पहनना छोड़ दिया है। सीता के बताए मार्ग पर चलकर जीवन को गुजारने का प्रयास कर रही हूं। सरिता ने संदेश दिया कि माता सीता के जीवन पर चलकर ही जिंदगी को सफल बनाया जा सकता है। 

हर भाई को होना चाहिए श्रीराम जैसा

रामलीला में राहुल झा लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है कि लक्ष्मण जैसा जीवन हर भाई को जीना चाहिए। लक्ष्मण चाहते तो महल में रह सकते थे, लेकिन उन्होंने भाई के साथ वनवास पर जाना बेहतर समझा, क्योंकि लक्ष्मण अपने बड़े भाई राम को बेहद चाहते थे। राहुल का कहना है कि अब लोग भाई के महत्व को नहीं समझ रहे, क्योंकि जब तक हम राम और लक्ष्मण को नहीं जानेंगे, यह महत्व भी समझ में नहीं आएगा।

रावण का किरदार पसंद करने वाला

इस बार रामलीला में सुरेश पांडेय रावण बने हैं। लोग सुरेश को रावण के किरदार में काफी पसंद कर रहे हैं। हालांकि, सुरेश से पहले भैंसाली की रामलीला में ताज मोहम्मद रावण बनते थे। सुरेश का कहना है कि रावण का किरदार निभाना चुनौती से भरा होता है। और वे इस भूमिका में सफल हुए है। सुरेश ने बताया कि उनको रावण बनना पसंद है। जब रामलीला में काम करना शुरू किया तो पहली पसंद रावण बनना ही था।   


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