महन्त इंदिरेश हॉस्पिटल दून में चिकित्सकों की काटी गई तनख्वाह

इमरान चौधरी
भारत सरकार के आदेशों की अस्पताल प्रशासन उड़ा रहा है धज्जियां, चिकित्सकों एवं कर्मचारियों में अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध हुआ रोष उत्पन्न
देहरादून। कोरोना वायरस  संक्रमण  के चलते  देशभर में हुए  लॉक डाउन  के बीच  भारत सरकार ने  आदेश जारी किए थे कि  लॉक डाउन के दौरान कोई भी कंपनी, संस्थाएं एवं उद्योगपति अपने कर्मचारियों की तनख्वाह को नहीं काटेंगे । भारत सरकार के इस आदेश  की  खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।  अस्पतालों में काम कर रहे  चिकित्सकों एवं नर्सों  की तनखा को भी काटा जा रहा है।  दून के  महन्त इंदिरेश हॉस्पिटल में काम कर रहे चिकित्सकों ने  आरोप लगाया कि संस्था उनकी तनख्वाह को  ड्यूटी के बाद भी  काट रही है।  जिसके चलते  चिकित्सकों एवं  अन्य कर्मचारियों में  संस्था के प्रति रोष उत्पन्न है।
सूत्रों के अनुसार महन्त इंदिरेश अस्पताल  में अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे चिकित्सकों की मार्च महीने  के वेतन से अस्पताल प्रबन्धन ने  कटौती की है। कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने के उद्देश्य से अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर चिकित्सक दूसरों की जिंदगी को बचाने में जुटे हैं। महन्त इंदिरेश में ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों की  तनख्वाह  की कटौती को लेकर चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारियों  का मानसिक तनाव बढ़ रहा है। बताया गया है कि लॉक डाउन के दौरान महन्त इंदिरेश अस्पताल में ड्यूटी कर रहे कुछ चिकित्सक अब अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कोर्ट में जाने का मन बना रहे हैं। अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सकों का ये भी कहना है कि अस्पताल में अनेक अनियमितताएं चली आ रही है। चिकित्सक एवं नर्सों को पीपी किट एवं अच्छे एवं अच्छे कंपनियों के मास्क भी पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। जिससे चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों पर भी संक्रमण का प्रकोप बढ़ सकता है। यह बात अलग है कि महन्त इंदिरेश अस्पताल हमेशा से विवादों के दायरे में रहा है कहीं दवाइयों को लेकर तो कहीं अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की गुंडागर्दी का मामला भी पूर्व में सामने आया है।
अस्पताल में पाई जा रही खामियों को लेकर वर्ष 2011 में अस्पताल के विरुद्ध सीबीआई ने केस दर्ज कर कार्यवाही भी की थी। जिसमें डॉक्टरों की गिरफ्तारी भी हुई थी। चिकित्सक इस कार्यवाही के विरुद्ध आन्दोलन करने और अस्पताल के  अनियमितताओं के जांच की मांग शासन और मेडिकल काउंसिल से करने पर भी विचार कर रहे हैं। एक तरफ जहां हर कोई कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने के लिए भारत सरकार के आदेशों तब पालन करने में हर कोई जुटा है। वहीं कुछ संस्थाएं अपने कर्मचारियों के वेतन कारण काटने में जुटी है। दूसरी ओर इस मामले में जब अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.ए के राय से फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला मैनेजमेंट का है और तनख्वाह  से संबंधित फैसला संस्था के पदाधिकारी ही लेते हैं।


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