मजदूर नही मिलने से बढ़ रही अन्नदाता की मुश्किलें, गेहूँ की फसल पकने के बावजूद नही मिल रहे मजदूर


नईम चौधरी
मीरापुर।देश मे कोरोना के बढ़ते संकट के बीच अन्नदाता(किसान)की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है।खेतों में गेहूँ की खड़ी फसल पकने के बावजूद भी लॉक डाउन के चलते  मजदूर नही मिलने से अन्नदाता की परेशानियां बढ़ रही है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहाँ इस समय पूरे देश में लॉक डाउन लागू है।अब तक लॉक डाउन से ग़रीब-मध्यम वर्ग  परेशान नजर आ रहा था वही इनके साथ साथ अब देश का अन्नदाता भी संकट में खड़ा नजर आने लगा है।खेतों में गन्ने की फसल के साथ साथ गेंहू की फसल भी पक चुकी है।गन्ने की आपूर्ति मिलों में पूरी तरह से नही होने के कारण किसान पहले से ही कोल्हुओं पर कम कीमत में गन्ना डालने को मजबूर है।अब गेंहू की फसल पकने के बावजूद लॉक डाउन के चलते मजदूरों की संख्या में भारी कमी आ गयी है।किसानों को गेहूं की कटाई के लिए मजदूर मिलने को तैयार नही है।यदि मजदूर मिल भी रहे है तो अत्यधिक महंगे मिल रहे है।मजबूरी में किसानों को अधिक मजदूरी देकर अपना कार्य कराना पड़ रहा है।अन्यथा किसानों को पकी फसल खेत मे जोतने की नोबत का सामना करना पड़ सकता है।क्षेत्रीय किसान चौधरी ब्रजपाल सिंह,बलजीत चौधरी, अनिल रन्धावा, मदनपाल सिंह,सरदार इंद्रजीत सिंह,राजेन्द्र सिंह,सुरेशपाल, नरेन्द्र त्यागी,कृष्णकांत शुक्ला आदि का कहना है।कि सरकार को किसानों के गेंहू खरीदने के लिए प्रत्येक गांव में व्यवस्था करनी चाहिए साथ ही किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए गेंहू के समर्थन मूल्य में भी बृद्धि करनी चाहिए।इसके अलावा किसानों की क्रेडिट कार्डो का दो वर्ष तक ब्याज माफ़ किया जाना चाहिए।किसान सुनील चौधरी,सुधीर शर्मा,सरदार हरनेक सिंह,सरदार ,हरविन्दर सिंह आदि का कहना है कि यदि लॉक डाउन बढ़ता है तो सरकार को गेहूं कटाई के लिए मजदूरों को छूट देनी चाहिए।


Popular posts from this blog

मदरसों को बंद करने की रची जा रही साजिश.. जमियत ने नोटिसो को बताया साजिश

गंधक व पोटाश मिलाते समय किशोर की मौत

श्री द्रोणाचार्य पी जी कॉलेज दनकौर के इतिहास विभाग द्वारा किया गया नवाचार