लॉकडाउन के बीच शुरू हो गया रमजान का महीना  

 


अहमद हुसैन
 
  कोरोना के चलते तरावीह की सामूहिक नमाज पर संकट  
लोगों ने इफ्यारी व शहरी में खाने पीने की सुचारु व्यवस्था की मांग की।सरधना (मेरठ) देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है कोरोना संक्रमण खतरे को देखते हुए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है। वही, केंद्र सरकार की ओर से भी लॉकडाउन अवधि बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं. इसी बीच मुसलमानों का पवित्र रमजान का मुबारक महीना शुरू हो गया है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण के साये में रमजान का मुबारक महीना फंसता नजर आ रहा है। मुसलमानों के लिए रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करना मुश्किल हो सकता है। मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं। मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। कुरान की तिलावत और दिन में रोजा (उपवास) रखकर करते है। तड़के सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद रोज़ा इफ्तार करते हैं। रमजान के मुबारक महीने के मौके पर मुस्लिम समुदाय हर रोज रात लगभग 9 बजे विशेष रूप से लंबी नमाज सामूहिक रूप से अदा करते हैं। जिसे तरावीह की नमाज कहा जाता है. रमजान का चांद निकलने के साथ ही तरावीह शुरू हो जाती है। कोरोना वायरस जैसी संकट की घड़ी में चांद दिखने वाला है। अभी तक लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लिए तरावीह की नमाज सामूहिक रूप से पढ़ना मुश्किल होगा। इतना ही नहीं सामूहिक रूप से कोई कार्यक्रम भी नहीं हो सकेंगे। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति है। फिलहाल जिस तरह से लोग अभी घरों में नमाज अदा कर रहे हैं माना जा रहा है कि ऐसे में उन्हें रमजान में भी घरों में रहना होगा। ऐसे में तरावीह की नमाज से लेकर रोजा रखने और इफ्तार तक घरो में रहकर ही अल्लाह की इबादत करनी होगी। मुस्लिम समुदाय के उलेमा और इमाम इस दिशा में आपस में बात कर रहे हैं। रमजान को लेकर उलेमाओं की ओर से मुसलमानों के लिए गाइड लाइन जारी हो गयी है जिसमे उन्हें घरों में रहकर ही नमाज व तरावीह की नमाज अदा करने को कहा गया है। देवबंद के मदरसे से भी फतवा जारी करके तरावीह की नमाज के लिए मस्जिद नहीं पहुंचें और घर में ही नमाज अदा करने की अपील की गई है। अब रोजेदारों के सामने खाने पीने की वस्तुओं का संकट खड़ा है। इस समस्या का समाधान शासन प्रशसन के अधिकारी निकाल सकते है कि लोगों को फल सब्जी दूध आसानी से कैसे मिले। लोगों ने इस समस्या क्ले समाधान की आवाज उठाई है।


अहमद हुसैन
True story


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