कोरोना महामारी के समय वरदान साबित हो रही एएलएस एम्बुलेंस सेवा

० एएलएस एम्बुलेंस सेवा ने बचाई 1.83 लाख की जान
० सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी 14 अप्रैल 2017 को एएलएस सेवा की शुरुआत  
 संजय वर्मा
मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एडवांस लाइफ सपोर्ट एएलएस एम्बुलेंस सेवा ने  प्रदेश में अपने संचालन के 3 वर्ष पूरे कर लिए हैं। अपने इस सफ र में एएलएस सेवा ने प्रदेश के 1,83,484 से अधिक अतिगंभीर मरीजों की जान बचाई है। कोरोना महामारी के समय भी एएलएस सेवा अति गंभीर मरीजों की जान बचाने में वरदान साबित हो रही है।
एम्बुलेंस सेवा के जिला नोडल अधिकारी एस के शर्मा ने बताया कि जनपद में हमारे पास कुल ७९ एम्बुलेंस हैं। इसमें ४ एएलएस हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट राजेश वाघमारे ने बताया कि प्रदेश में 108 एम्बुलेंस और 102 एम्बुलेंस सेवा पहले से चल रही थी। लेकिन बहुत बडी संख्या में मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाने या एक अस्पताल से दूसरे उच्च अस्पताल ले जाने के लिए वेंटीलेटर, डिफिब्रिलेटर व अन्य एडवांस जीवनरक्षक उपकरणों की आवश्यक्ता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने 14 अप्रैल 2017 को प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं हरी झंडी दिखाकर 150 एम्बुलेंस के साथ एएलएस सेवा का शुभारम्भ किया था। जिसके बाद जरूरत को देखते हुए 2019 में एएलएस सेवा में 100 और एम्बुलेंस बढाई गई। वर्तमान में इस सेवा के तहत प्रदेश में कुल 250 एएलएस एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं़। हर जिले में न्यूनतम दो एएलएस एम्बुलेंस हैंए जबकि अधिक आबादी वाले जिलों में इनकी संख्या अधिक भी है।
राजेश वाघमारे के अनुसार इस सेवा का संचालन शुरू होने से 31 मार्च 2020 तक प्रदेश में लाभार्थियों का आंकडा 1,8,484 से अधिक पहुंच चुका है। इनमें सडक दुर्घटना वाहन सम्बंधी के 35109, हार्ट अटैक या कार्डियोवैस्क्युलर के 19264, सांस रोगों से सम्बंधित 21400, प्रसव से सम्बंधित 15651, बेहोशी के 5941, एक माह तक के बच्चों के 12910, मारपीट के 4876, आकस्मिक विषाक्तता के 4275 और अन्य आपातकालीन स्थितियों के 64058 मामले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जीवीके ईएमआरआई संस्था उत्तर प्रदेश में 102 एम्बुलेंस सेवा और 108 एम्बुलेंस सेवा का भी संचालन कर रही है।
कोरोना से संबंधित 950 मरीजों को पहुंचाया अस्पताल
कोरोना महामारी के समय एएलएस, एम्बुलेंस सेवा वरदान साबित हो रही है। राजेश वाघमारे के अनुसार गंभीर मरीज जो कोरोना से ग्रसित हैं या संदिग्ध मरीज हैं उनके लिए प्रदेश में अब तक 129 ए,एलएस आरक्षित की गई हैं। जिनसे अब तक 950 से अधिक संदिग्ध या पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल ले जाया गया है।
ये है सुविधा
एएलएस एडवान्स्ड लाइफ सपोर्ट सेवा की एम्बुलेंस सभी जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित है। इमजरेंसी के समय आवश्यक दवाओं सहित वेंटीलेटर, डिफिब्रिलेटर सहित अन्य उपकरणों की भी सुविधा है। मरीज को कोई दिक्कत होने पर एम्बुलेंस में मौजूद ईएमटी मरीज को ऑक्सीजन देने के साथ ही कॉल सेंटर में बैठे डॉक्टर से संपर्क कर डॉक्टर के निर्देश पर मरीज को आवश्यक दवाएं भी देता है। गोल्डन आवर में सपोर्ट मिलने से बहुत से गंभीर रोगियों की जान बचाई जा रही है।
इन मामलों में मिलती है सुविधा
गंभीर सडक दुर्घटना या हेड इंजरी, हार्ट अटैक, सांस लेने में तकलीफ, नवजात बच्चों से जुडे गंभीर मामलेए बर्न, जटिल प्रसव सहित अन्य प्रकार की किसी भी आपात कालीन समय में एएलएस सेवा का लाभ ले सकते हैं। अतिगंभीर मरीजों को घर से अस्पताल ले जाने के लिए और एक अस्पताल से दूसरे उच्च श्रेणी के अस्पताल ले जाने के लिए एएलएस एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। एएलएस सुविधा पाने के लिए 108 सेवा में काल करें। आवश्यक्ता होने पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आवश्यक्ता पडने पर एएलएस एम्बुलेंस मरीजों को दिल्ली एम्स, पीजीआई चंडीगढ भी मरीजों को ले जाती है।
१०२9१०८ के मैनेजर प्रोमिल त्यागी ने बाताया मेरठ में  चार एएलएस ने कोविड-१९ के २७५ व २२० मरीजों को दिल्ली तक पहुंचाया है। जिनकी हालत काफी गंभीर थी। 


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