कोरोना इफेक्ट:दो जमातियों पर हत्या के प्रयास समेत आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज

देहरादून से इमरान चौधरी की रिपोर्ट


रुड़की।उत्तराखंड के रुड़की में जमात से लौटकर घर में छिपने और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के मामले में पुलिस ने दो जमातियों पर हत्या के प्रयास समेत आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों को क्वारंटीन कर दिया है। साथ ही इन दोनों के परिवार वालों को भी होम क्वारंटीन कर दिया है। इनके संपर्क में आने वालों को भी पुलिस चिन्हित कर रही है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले जमातियों को प्रदेश में लगातार चिन्हित किया जा रहा है, लेकिन कई जमाती दिल्ली से लौटने के बाद घरों में छिपे हैं। पुलिस लगातार जमातियों से सामने आने की अपील कर रही है। बावजूद इसके कई जमाती सामने नहीं आ रहे हैं।
 इस पर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने चेतावनी दी थी कि छह अप्रैल के बाद ऐसे जमातियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इसके बाद कई जमाती सामने आए। वहीं, चेतावनी के बावजूद रुड़की के दो जमाती घरों में ही छिपे रहे। इन दोनों ने पुलिस को अपने जमात से लौटने की कोई जानकारी नहीं दी। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि रुड़की के ईमली रोड निवासी हाजी नसीर अहमद दस मार्च को निजामुद्दीन मरकज में गए थे। यहां वह 12 मार्च तक दिल्ली में रहे। इतना ही नहीं कोरोना पॉजीटिव पाए गए पनियाला गांव निवासी युवक के साथ भी हाजी नसीर दिल्ली में रहे। हाजी नसीर अहमद कोरोना पॉजीटिव युवक के रिश्तेदार भी हैं। 12 मार्च के बाद वे अपने घर लौटे थे। वहीं, जौरासी गांव निवासी अय्यूब अहमद 11 मार्च को निजामुद्दीन मरकज में गए थे। इसके बाद 14 मार्च को अजमेर और फिर दोबारा 18 मार्च निजामुद्दीन मरकज पहुंचे थे। इसके बाद वह अगले दिन गांव पहुंचे थे। एसपी देहात ने बताया कि दोनों ने घर में छिपने और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने का अपराध किया है। दोनों के खिलाफ (आईपीसी 307) हत्या का प्रयास, (आईपीसी 336) किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो वह काम करना और धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है। एसपी देहात ने बताया कि दोनों को क्वारंटीन किया गया है। इनके परिजनों को भी होम क्वारंटीन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल लेकर जांच को भेजे हैं। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि दोनों जमातियों के संपर्क में आने वाले लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही इनके परिजनों के संपर्क में जो लोग आए हैं, उनकी भी पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि जो लोग जमातियों की सूचना पुलिस को देंगे उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।


अपडेट


 


तबलीगी जमात प्रकरण एवं कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में लागू लॉकडाउन के उल्लघंन में उत्तराखण्ड पुलिस ने दर्जनों लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए सैकड़ों वाहनों को सीज किया। वही दो दिन पूर्व डीजीपी द्वारा की गई अपील के बाद छुप कर रह रहे जमात से संबंधित लोग भारी मात्रा में पुलिस के सामने आए और अपना मेडिकल परीक्षण कराया।
 पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड  अशोक कुमार ने बताया कि 6 अप्रैल को उत्तराखंड  के डीजीपी  ने अपील की थी कि जो जमात  से संबंधित लोग छुप कर बैठे हैं।वे खुद ही सामने आ जाए। 24 घंटे के अंदर पुलिस के सामने आने वाले जमात से संबंधित जमात से संबंधित लोगो का मेडिकल परीक्षण एवं जरूरत पड़ी तो क्वॉरेंटाइन भी उन्हें किया जाएगा।साथ ही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही कार्यवाही कोई कानूनी कार्यवाही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही कार्यवाही कोई कानूनी कार्यवाही भी नहीं होगी। जिसके बाद प्रदेश भर में 180 लोग पुलिस के सामने आए।जिनका मेडिकल परीक्षण कराया गया।वही डीजी अशोक कुमार ने बताया कि इससे पूर्व 41 लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की गई थी जो छुप कर रहे थे।साथी जमात से संबंधित लोगों को शरण देने वाले लक्सर के चार लोगों के विरुद्ध भी प्रदेश में कानूनी कार्यवाही हुई। प्रदेश के हरिद्वार एवं लक्सर में जमात से संबंधित दो लोगों को पुलिस ने खोज कर उनके विरुद्ध धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया। ये लोग जमात से आने के बाद अपने आप को छुपा कर रख रहे थे। जिससे कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने का खतरा बढ़ रहा था। लॉक डाउन के उल्लंघन पूरे प्रदेश में अब तक 973  मुकदमे दर्ज किए गए।  साथ ही4071 लोगो को  लॉक डाउन का उल्लंघन करने में गिरफ्तार किया गया।वही 3331 वाहन सीज किये गए। कोरोनावायरस संक्रमण की अफवाह फैलाने वाले प्रदेश भर में 41 लोगों के विरुद्ध 41 लोगों के विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की गई।


 


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