जन आंदोलन है पोषण पखवाड़ा : जिला अधिकारी

 


मिलजुल कर अलख जगाएं और कुपोषण को दूर भगाएं


 


(Ravita)


मुजफ्फरनगर। जनपद में पोषण अभियान के तहत गुरूवार को बघरा ब्लॉक में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला अधिकारी (डीएम) सेल्वाकुमारी जे ने ग्रामीण महिलाओं को पोषण संबधी जानकारी दी साथ ही उपस्थित लोगों को पोषण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़ा एक कार्यक्रम न होकर जन आंदोलन है। इसमें जन-जन का सहयोग आवश्यक है। पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों व तमाम सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी भी इसमें अपेक्षित है। महिलाओं व बच्चों में कुपोषण को खत्म करने के मद्देनजर सरकार ने महत्वाकांक्षी अभियान चलाया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम,  महिला पर्यवेक्षक सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) व सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।


डीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीण महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान में उनका दायित्व महत्त्वपूर्ण है। सरकार की प्राथमिकता है कि सभी गांवों को कुपोषण से मुक्त किया जाए। इसके लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लेकर गांवों को अधिकारियों द्वारा गोद लेकर कुपोषण से मुक्त कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाता है। जहां गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उन्हें लाभ दिया जा रहा है। 


जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने कहा कि पोषण पखवाड़े के तहत किशोरियों, गर्भवती व बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2022 तक कुपोषण की दर में 6 और एनीमिया में 9 फीसद कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक करना है। बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, भोजन, लड़कियों की शिक्षा सहित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जन-जागरूकता को अंजाम देना है। कुपोषण को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर समर्पण के साथ कार्य करने की जरूरत है। सभी मिलजुल कर पोषण को लेकर अलख जगाएं और कुपोषण को दूर भगाएं।


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