टीबी रोगी खोज अभियान 17 टीमें 27 फरवरी तक घर-घर खोजेंगी टीबी के मरीज

 


(रविता)


मुजफ्फरनगर। सन् 2025 तक देश से टीबी के खात्मे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। इसी कड़ी में टीबी मरीजों को खोजने के लिए जनपद में 17 फरवरी से अभियान चलाया जाएगा। इसमें संदिग्ध टीबी मरीजों को घर-घर खोजा जाएगा और जांच पॉजिटिव पाए जाने पर उनका इलाज किया जाएगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया अभियान 17 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। इसके तहत विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी के उन मरीजों की स्क्रीनिंग करेंगी, जिनमें टीबी के लक्षण तो हैं पर वह जागरूकता की कमी के चलते  इलाज नहीं करा रहे हैं। सघन एवं मलिन बस्तियों में विशेषकर यह अभियान चलाया जाएगा। घर-घर जाकर उन लोगों के बलगम के नमूने लिए जाएंगे, जिनमें टीबी के लक्षण पाये जाएंगे। नमूनों की जांच की जाएगी। पॉजिटिव पाए जाने पर उनका इलाज किया जाएगा। विभाग की टीमें प्रत्येक ब्लॉक एवं शहरी क्षेत्रों में जाएंगी। उन्होंने कहा क्षय रोग के उन्मूलन के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी निजी चिकित्सक, अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक पर क्षय रोग के लक्षण एवं उपचार से सम्बंधित प्रचार-प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जाएगा।


जिला क्षय रोग अधिकारी डा. लोकेश गुप्ता ने बताया जनपद में वर्तमान में करीब 5352 टीबी मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 240 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इसके अतिरिक्त 18 साल से कम उम्र के 167  टीबी ग्रसित बच्चों को शिक्षकों, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने गोद लिया हुआ है। टीबी रोगी खोज अभियान के तहत 17 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक 5 टीम पर एक सुपरवाइजर तैनात किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ समाजसेवी संस्था भी इसमें सहयोग करेंगी। विभाग की टीम मरीजों को अस्पताल तक ले जाएंगी, जहां मरीज की जांच करके उनके उपचार की व्यवस्था करेंगी।  इसके साथ ही लोगों को टीबी मरीज के लक्षणों के बारे में भी बताया जाएगा।


 


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