एनीमिया मुक्त भारत के अंतर्गत जागरूकता रैली
मुजफ्फरनगर।( ravita )
जनपद में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनीमिया मुक्त भारत के अंतर्गत शनिवार को एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, सीएमओ प्रवीण चोपड़ा ने हरी झंड़ी दिखाकर किया। जिसमें स्कूली बच्चों ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्ती लेकर “हम सबने ठाना है भारत को इनिमिया मुक्त बनाना है” के नारे लगाए। यह जागरुकता रैली शहर के टाउन हाल से शुरु होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला अस्पताल में जाकर समाप्त हुई। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि भारत को एनिमिया मुक्त करने के लिए यह एक सराहनीय कदम है। एनिमिया के प्रति लोगों को जागरुक होने की आवश्यकता है। क्योंकि इससे महिलाओं को गर्भवास्था के साथ-साथ सामान्य जीवन में भी बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर घर के मुखिया को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है। जिससे परिवार में कोई भी सदस्य एनिमिया से पीडित ना हो। इसके लिए जिला अस्पताल में निशुल्क गोलियां भी दी जाती है। साथ ही समय-समय पर जागरुकता अभियान भी चलाए जाते है। जिससे लोगं में जागरुकता के अभाव के कारण बीमारियों की चपेट में न आए। उन्होंने सभी लोगों से अपील की सभी लोग एनिमिया मुक्त भारत का संकल्प ले। क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और मस्तिष्क का वास होता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की कमी होना ही एनीमिया है। यह किसी को भी हो सकता है। इसमें थकान होना, बार-बार गला सूखना, आंखों में पीलापन, बालों का झड़ना आदि लक्षण होते हैं। किसी को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उपचार कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा पुरुषों में 12 से 16 प्रतिशत और महिलाओं में 11 से 14 प्रतिशत होनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एनीमिया बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए। पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण अधिक यह बीमारी होती है। बच्चों को समय-समय पर अभियान के तहत एलबेंडाजोल की गोली भी खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में एनीमिया के उपचार की सुविधा उपलब्ध है।