छात्रवृत्ति के लिए भटक रहे अल्पसंख्यक छात्र,प्रशासनिक लापरवाही के कारण हजारों बच्चे छात्रवृत्ति से महरूम

मुज़फ्फरनगर।आमजन की परेशानी प्रशासनिक अधिकारियों के लिए शायद कोई मायने नहीं रखती है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण हजारों अल्पसंख्यक छात्र छात्राएं स्कॉलरशिप के न मिलने से सरकारी  कार्यालयों व बैंक आदि के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बुधवार को स्कूल व मदरसा अध्यापकों ने बैंक में जाकर जानकारी प्राप्त की।जनपद मुज़फ्फरनगर के मोरना ब्लॉक क्षेत्र के अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति के फार्म भरे गये थे, जिन छात्र छात्राओं का खाता सर्व यूपी ग्रामीण में खुला उन बच्चों की छात्रवृत्ति की राशि बैंक खातों में नहीं आयी है। बुधवार को स्कूल व मदरसा के अध्यापक अमजद अंसारी, मौ. मिरदास, मा. आबिद, पं. विजय शर्मा, खुशनसीब के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल क्षेत्र के सर्व यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा टन्ढेडा, बेहडा सादात, चौरावाला, भोकरहेडी में जाकर बैंक स्टाफ से मिला प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भोकरहेडी बैंक शाखा में लगभग 300 छात्र छात्राओं के खाते हैं। इसके अलावा बेहडा सादात शाखा में लगभग 450, चौरावाला में लगभग 100, टन्ढेडा में लगभग 100 तथा जनपद की अन्य शाखाओं में भी सैकडों खाते खुले हुए हैं। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक व प्रथमा बैंक के साथ विलय हो जाने के कारण बैंक खातों में रकम का ना आना बताया जा रहा है। तकनीकी कमियां या प्रशासनिक लापरवाही, कारण कुछ भी हो किन्तु सर्व यूपी ग्रामीण अथवा प्रथमा बैंक में छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति न आने से अभिभावक परेशान हैं। अभिभावक व छात्र छात्राएं स्कूल, मदरसा, बैंक शाखा व मुजफ्फरनगर स्थित सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। छात्रवृत्ति आने की अंतिम तिथि 20 फरवरी (आज)बताई गई है। छात्रवृत्ति के रूप में समाज के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1000 रूपये से लेकर 10700 रूपये सालाना तक की रकम छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है।


काज़ी अमजद अली


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