सखी-सहेली को दिया जा रहा प्रशिक्षण किशेारियों को शिक्षा का महत्व बताया और स्वयं को स्वाबलंबी बनाने की दी प्रेरणा दादरी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू  

संजय वर्मा


ग्रेटर नोएडा जनपद के विकासखंड दादरी में वीरांगना दल की सखी-सहेली का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन खंड विकास अधिकारी नेहा सिंह ने किया। प्रशिक्षण के दौरान पहले दिन किशोरियों को साफ सफाई, कानूनी अधिकार तथा व्यक्तिगत कौशल का प्रशिक्षण दिया गया। किशेारियों को शिक्षा का महत्व बताने के साथ स्वयं को स्वाबलंबी बनने की प्रेरणा दी गयी। इस दौरान किशोरियों को समाज के प्रति जागरूक किया गया। 
 जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया बाल विकास परियोजना के अंतर्गत चल रही योजना (एडोलेसेंट गर्ल्स स्कीम) के तहत 11 से 14 साल की स्कूल न जाने वाली किशोरियों के  वीरागंना दल गठित किये गये हैं। एक दल में एक सखी व दो सहेली का चयन किया गया है। कुल 30 चयनित सखी सहेली को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजना के तहत स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को मुख्यधारा में लाकर वापस स्कूल लाया जाएगा। इन्हें ब्रिज कोर्स के लिए प्रेरित किया जाएगा। इन्हें कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जाएगा। ताकि किशोरियां शिक्षित और सशक्त बन सकें। किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पौष्टिक आहार की भी व्यवस्था की गयी है। इन्हें हर माह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन के मानक के अनुरूप पोषाहार दिया जाएगा। यह सखी सहेली प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने दल की अन्य किशोरियों का जानकारी देंगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया किशोरी दिवस
 
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से बुधवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरी दिवस का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विलेज हेल्थ, सेनीटेशन एंड न्यूट्रीशियन डे (वीएचएसएनडी) का भी आयोजन किया गया। किशोरी दिवस में स्कूल न जाने वाली 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को बेहतर पोषण के टिप्स दिए गये। उन्होंने बताया हर माह की 8 तारीख को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरी दिवस का आयोजन किया जाता है। पूरे जनपद में स्कूल न जाने वाली 11 से 14 वर्ष की किशोरियों की एनीमिया की जांच की गई, इसके अलावा उनकी लंबाई और वजन भी हेल्थ कार्ड पर दर्ज किया गया। कम वजन वाली किशोरियों की अलग से काउंसिलिंग की गई। इसके अलावा एनीमिक किशोरियों को आयरन की गोलियों का नियमित सेवन करने की सलाह दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम के सहयोग से सभी किशोरियों को बेहतर खानपान की सलाह दी गई और साथ साफ-सफाई को लेकर भी जागरूक किया गया। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर भी किशोरियों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। एनीमिक किशोरियों को इन दिनों पालक, गुड़ और तिल से बने व्यंजन का अधिक से अधिक प्रयोग करने की सलाह दी गई।


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