अब टीबी मरीजों केा इंजेक्शन से मिलेगा छूटकारा , १५ फरवरी से मिलेगा पीडा रहित उपचार
संजय वर्मा
मेरठ। टीबी से पीडित मरीजों के लिये अच्छी खबर है। अब टीबी मरीजों उपचार के दौरान इंजेक्शन से छूटकारा मिलने वाला है। अगले माह १५ फरवरी बिना इंजेक्शन से उपचार आरंभ होने जा रहा है। अभी तक टीबी मरीजों को हर माह २५ इंजेक्शन लगाए जाते थे। प्रत्येक मरीज को यह उपचार ६ से ९ माह तक लेना होता था। मस्कुलर इंजेक्शन के चलते मरीजों के लिये यह काफी पीडादायक होता था। खासकर बच्चों के मामले में ज्यादा परेशानी होती थी। भारत सरकार ने इंजेक्शन फ्री उपचार का बीडा उठाया है। इसके लिये प्रदेश के टीबी अधिकारियों को आगरा में प्रशिक्षण दिया गया है।
आगरा से प्रशिक्षण लेकर लौटे जिला क्षय रोग अधिकारी डा एम एस फौजदार ने बताया राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी के इंजेक्शन फ्री उपचार की परिकल्पना की गयी है। नया उपचार केवल टीबी के साधारण मरीजों पर ही नहीं बल्कि मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट एमडीआर के मराजों पर भी सफलता पूर्वक काम करेगा। टीबी के उपचार के लिये नेशनल टैक्नीकल एक्सपर्ट ग्रुप ने इंजेक्शन की जगह ओरल उपचार की सिफारिश की है। इसके लिये राष्टï्रीय स्तर पर पांच बैचों का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। अब जिला स्तर पर प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया जा रहा है। विभाग के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजरों केा भी आगरा में बकायदा प्रशिक्षण दिया गया है अगले माह २० फरवरी से प्रदेश में टीबी का इंजेक्शन फ्री उपचार शुरू कर दिया जाएगा। उन्होनें बताया अप्रैल २०२० तक टीबी का उपचार पूरी तरह ओरल पैटर्न पर लाने की तैयारी है। उपचार को सुचारू रूप से लागू करने के लिये सैैट्रल टीबी डिवीजन राज्यों की टीबी यूनिटों की भी मदद करेगी । निक्षय औषधि ऑनलाइन पोर्टल के लिये जरिए जरूरी दवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। कार्यक्रम की निगरानी के लिये वीडियों कॉन्फे सिंग की मदद ली जाएगी। इससे टीबी रोगियों को काफी लाभ मिलेगा।
३ से ७फरवरी तक चलेगा जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर अभियान
डा फौजदार ने बताया अगले माह ३ फरवरी से ७ फरवरी तक जिला अस्पताल के रेडक्रास बिल्डिंग में जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा हे। जिसमें एमओटीसी मेडिकल ट्रिटमेंट आफिसर ,एसटीएस -सीनियर ट्रिटमेंट सुपरवाइजर ,एसटीएलएस -सीनियर टीबी लैब सुपरवाईजर,टीबीएचवी -टीबी हाऊसहोल्डर वालियन्टर, अर्बन पीएससी, लैब टेक्नीश्यिान आदि भाग लेंगे। उन्होनें बताया इसके लिये पांच बैंचो का गठन किया गया है। प्रशिक्षण शिविर में ओरल पैटर्न के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
२०१७से आरंभ हुआ टीबी रोगी खोज अभियान
डा फौजदार ने बताया वर्ष २०१७ से देश मे टीबी रोगी खेाज अभियान आरंभ हुआ था। जो अभी तक चला आ रहा है। अभियान के कारण ही टीबी मरीजों मे जागरूता फैली है। उन्होंने बताया २०१७ में ८२ टीबी मरीज ,२०१८ में मार्च में ७८ रोगी, जून में ६५ ,सितम्बर में ६२ ,जनवरी २०१९ में ४६ रोगी जून में ३८ रोगी ,अगस्त में५३ , दिसम्बर में ३७ रोगी मिले। जिनका उपचार किया जा रहा है। जनवरी २०२० में १५ तक १९ मरीजो का पता चला।