एनीमिया और कुपोषण के प्रति महिलाओं को किया जागरूक

(रविता)


मुजफ्फरनगर। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत एनीमिया और कुपोषण को मात देने के लिए जनपद में जंग शुरू हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुपोषण और एनीमिया के प्रति लोगों को जगह-जगह जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरकाजी में सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें आशा संगिनियों के साथ आस-पास की ग्रामीण महिलाओं ने हिस्सा लिया। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने महिलाओं को एनीमिया और कुपोषण के बारे में जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि इससे कैसे निपटा जाए। इस अवसर पर आयरन और कैल्शियम की गोलियां वितरित की गयीं। साथ ही मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) पर महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया। उनको बताया गया राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत रजिस्ट्रेशन होने के बाद एमसीटीएस पर सभी महिलाओं की जानकारी रहती है। इससे महिला के गर्भवती होने, बच्चे के जन्म और उसके टीकाकरण पर नजर रखी जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिरूद्ध ने बताया- एनीमिया को मात देने के लिए विशेष सघन आईईसी अभियान (व्यापक प्रचार-प्रसार) चलाया जा रहा है । यह अभियान  31 मार्च 2020 तक चलेगा। अभियान के तहत प्रत्येक सप्ताह में अलग-अलग दिवसों का आयोजन होगा। इनमें विभिन्न कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं करायी जाएंगी। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, किशोरियां भाग लेंगी। लोगों को एनीमिया के प्रति जागरूक किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत हर चार महीने के लिए 09 से 19 साल की किशोरियों को आधा किलो देशी घी, 500 ग्राम मसूर की दाल, एक किलो ज्वार नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके लिए जनपद में एनीमिया से ग्रसित किशोरियों को चिह्नित किया जाएगा।


उन्होंने कहा - वैसे तो सरकार ने किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए तमाम योजनाएं चलायी हुई हैं, लेकिन स्कूल न जाने वाली किशोरियां जो एनीमिया से ग्रसित हैं, को ध्यान में रखते हुए इस योजना की पहल की गई है। जमीनी स्तर पर जुड़े होने के कारण विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस अभियान से विशेष रूप से जोड़ा है। 


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