अब तलाक पीड़ित महिलाओं को मिलेगा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का लाभ ,फेमिली कोर्ट और मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क कर जुटाया जा रहा ब्योरा
मुजफ्फरनगर।(रविता)। परित्यक्ता /तलाक से पीड़ित महिलाओं को चाहे वह किसी भी धर्म की हों, उपचार के लिये परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने उनकी सुध ली है। आयुष्मान भारत योजना से छूटे लाभार्थियों को आयुष्मान योजना के समान लाभ उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत ऐसी महिलाओं को जिलों में पंजीकृत अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार मिलेगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग रिकार्ड एकत्र कर रहा ।
नोडल अधिकारी डॉ.आकाश त्यागी ने बताया तीन तलाक (जिनका तलाक का केस फेमिली कोर्ट में चल रहा हो) व तलाक से पीड़ित महिलाओं को खर्च तो ससुराल पक्ष से मिल जाता है, लेकिन उनके इलाज की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता है, इस कारण कई बार गंभीर बीमारी के वक्त ऐसी महिलाओं की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो जाती है। लिहाजा इन महिलाओं की दशा को सुधारने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गौतमबुद्ध नगर समेत प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर तलाक पीड़ित हिंदू व मुस्लिम महिलाओं को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से जोड़ने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद से ही जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसी महिलाओं का डाटा एकत्रित करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से दिये गये हैं।
उन्होंने बताया शासन से आए पत्र में 16 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें नाम, माता पिता का नाम, आयु, लिंग, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, राशनकार्ड और शहर या ग्रामीण का निवासी है, का ब्योरा मांगा गया है। उन्होंने फेमिली कोर्ट और मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क कर ऐसी महिलाओं की सूचनाएं एकत्रित करनी शुरू कर दी हैं। डॉ. त्यागी ने बताया आयुष्मान भारत योजना में 96282 और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में 2977 लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है।