उत्तराखंड में होगा सरकारी वाहनों का  इंश्योरेंस


   
उत्तराखण्ड में सरकारी वाहनों का इंयोरेंस अब अनिवार्य होने जा रहा है। वित्त विभाग की ओर से सभी विभागों को अगले वित्तीय वर्ष के बजट की तैयारी के लिये जो सर्कुलर जारी किया गया है उसमें पहली बार वाहनों के इंश्योरेंस की मद शामिल की गई है। अन्य मदों की तरह विभागों से इस नई मद में जानकारी मांगी गई है कि विभागीय वाहनों का इंश्योरेंस करवाने और उनका प्रीमियम जमा करने में उन्हें कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी।
   राज्य सरकार हर साल अगले वित्तीय वर्ष के लिये आय-व्ययक विधानसभा में प्रस्तुत करती है। जिसमें वित्तीय वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का विवरण समाहित होता है। यह आय-व्ययक वित्त विभाग तैयार करता है। इसके लिऐ वित्त विभाग सभी विभागों से मदवार आय और व्यय का ब्यौरा मांगता है उसके आधार पर ही आय-व्ययक तैयार होता है। हाल ही में अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये वित्त सचित अमित नेगी की ओर से सभी विभागों के लिये सर्कुलर भेजा गया है जिसमें पूछा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिये उन्हें किस मद में कितने बजट की आवश्यकता है। दरअसल, इस सर्कुलर में मदों का निर्धारण पहले से ही होता है जैसे वेतन, मजदूरी, महंगाई भत्ता, मानदेय, पारिश्रमिक, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, प्रशिक्षण आदि। पिछले साल यह सकुर्लर जब विभागों में भेजा गया था तो उसमें इस प्रकार की कुल 65 मदों में खर्च का अनुमानित व्यौरा मांगा गया था। इस बार में सर्कुलर में मदों की संख्या 68 है। जो तीन नई मदें शामिल की गई हैं उनमें इंश्योरेंस पॉलिसी टिावा प्रीमियम, समनुदेशन और वापसी शामिल हैं। साफ है कि सरकार अब सभी सरकारी वाहनों का इंश्योरेंस करने का फैसला ले चुकी है। अब तक होता यह था कि परिवहन एक्ट को हाशिये पर रखते हुए सरकारी वाहनों का इंश्योरेंस नहीं किया जाता था और बगैर इंश्योरेंस सरकार के वाहन सड़कों पर दौड़ा करते थे।


मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के सरकारी वाहनों का भी नहीं है इंश्योरेंस


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार के सरकारी वाहनों का भी इंयोरेंस नहीं है। इसका हाल ही में अखबारों की सुर्खियां बना था।  उसके बाद शासन में हलचल मच गई थी।


'मैं कई बार कह चुका हूं कि नियम सबके लिये बराबर है। सरकार वाहनों का भी इंश्योरेंस होना चाहिए। मैंने इसके लिये अफसरों फटकार भी लगाई थी। अगले वित्तीय वर्ष से यह अनिवार्य कर दिया जायेगा'।


*यशपाल आर्य, परिवहन मंत्री, उत्तराखण्ड*


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