उपेक्षा का शिकार वीआईपी घाट खोल रहा पर्यटन मंत्रालय की पोल

शुकतीर्थ/मुज़फ्फरनगर


 


 शुकतीर्थ में सौन्दर्यीकरण की बातें बेमानी साबित हो रही हैं। गंगा तट पर करोडों की लागत से बना वीआईपी घाट उपेक्षा के चलते चरागाह बनकर रह गया है। घाटों के आसपास फैली भारी गन्दगी तीर्थस्थल के प्रति प्रशासन की लापरवाही को प्रकट कर रही है।
*प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण शुकतीर्थ में जहां मुख्य मार्गों व प्रसिद्ध आश्रमों के पास कूडे के ढेर लगे हुए हैं। वहीं गंगा तट पर करोडों की लागत से बने घाट उपेक्षा के कारण आवारा पशुओं की चरागाह बनकर रह गये हैं। वीआईपी घाट पर खडी बडी बडी झाडियां लापरवाही का प्रदर्शन कर रही है। सौन्दर्यीकरण के उलट तीर्थनगरी में फैली गन्दगी तीर्थनगरी की छवि को भारी नुकसान पहंुचा रही है। जहां कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले गंगा स्नान मेले की तैयारियों में प्रशासन जुटा है। वहीं दूसरी ओर दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को लुभाने के लिए तीर्थनगरी में सफाई व्यवस्था चौपट है तथा मेले के दौरान गन्दगी को रोकने के लिए भी कोई व्यवस्था प्रशासन ने अभी तक नहीं की है। मुख्य मार्ग, गंगा घाट आदि स्थानों पर साफ सफाई की व्यवस्था न होने तथा वीआईपी घाट सहित अन्य घाट भी उपेक्षा व लापरवाही का शिकार हैं। जो शासन प्रशासन की घोर लापरवाही की पोल खोल रहे हैं।


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