सुविधा शुल्क देने पर भी नहीं मिली सुविधा रिश्वत लेकर जबान से मुकर गया दरोगा।  पैसे लेकर भी ट्रक चालक पर कर दिया उल्टा मुकदमा कायम।  पीड़ित ने दरोगा पर आरोप लगाते हुए, सीओ सरधना से मिलकर आपबीती सुनाई और मामले की जाँच कराकर कार्रवाई की मांग की

सुविधा शुल्क देने पर भी नहीं मिली सुविधा रिश्वत लेकर जबान से मुकर गया दरोगा।  पैसे लेकर भी ट्रक चालक पर कर दिया उल्टा मुकदमा कायम।
 पीड़ित ने दरोगा पर आरोप लगाते हुए, सीओ सरधना से मिलकर आपबीती सुनाई और मामले की जाँच कराकर कार्रवाई की मांग की है।मामला थाना सरूरपुर का है। 
चंद्रशेखर सोनकर पुत्र नान मून सोनकर निवासी ग्राम राजजोत अनेगी थाना इटियाठोक जनपद गोंडा (बिहार) ने सीओ सरधना को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि वह ट्रक संख्या बीपी 11 बीएन 6945 का चालक और स्वामी है। ट्रक फाइनेंस पर होने के कारण अभी नाम ट्रांसफर नहीं हुआ है। गत 12 नवंबर को वह लोहे के पार्ट्स भरकर अंबाला से जिला हमीरपुर बिहार के लिए चला था। मेरठ करनाल मार्ग हाईवे से गुजर रहा था 13 नवंबर समय करीब लगभग साढ़े 12 बजे वह थाना सरूरपुर क्षेत्र के ग्राम भूनी चौक की पुलिया के पास पहुंचा तो सामने से आ रही एक कार इनोवा पंजीकरण संख्या पीबी 08 डी ए 4386 के चालक ने अपनी कार बड़ी तेजी व लापरवाही से चलाकर डिवाइडर से टकरा दी। कार डिवाइडर तोड़कर रॉन्ग साइड आकर उसके ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में उसके ट्रक का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना में कार सवार दो लोगों की मौत हो गई उसमें सवार कई सवारियां चोटिल भी हुई। सड़क हादसे के बाद पता चला कि कार चालक को नींद आने के कारण यह हादसा हुआ है। दुर्घटना के बाद थाना सरूरपुर पुलिस आ गई जिन्होंने उसके ट्रक को अपने कब्जे में लेते हुए निकट के पेट्रोल पंप पर खड़ा कर दिया और उसे थाने में ले जाकर बंद कर दिया। उसने बताया कि इस हादसे के बाद सरूरपुर पुलिस को पूरी सच्चाई की जानकारी थी और इस सड़क हादसे में इनोवा कार के चालक की ही गलती बताई जारही थी। जिसके बाद 15 नवंबर को थाना सरूरपुर स्थित दरोगा रंजीत सिंह उसके पास आया और कहने लगा कि अगर कुछ खर्च करो तो तुम्हें हवालात से छुड़वा दूंगा यह एक्सीडेंट इत्तेफाकया हुआ है इसलिए इस में मुकदमा दर्ज नहीं होने दूंगा केवल इत्तेफाकया में ही सूचना दर्ज कराऊंगा। तुझे तेरे ट्रक सहित आज ही छोड़ दूंगा। और उससे एवज में 25 हजार की मांग की। उसके पास उस समय 10 हजार रूपये थे जो दरोगा को दे दिए। इसके बाद कार में सवार मृतकों के परिजन थाना  पहुंचे और पुलिस से साज करके उसके विरोध झूठे तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करा दी। जबकि पूरा मामला थाना सरूरपुर पुलिस की जानकारी में था। जब उसके खिलाफ मामला दर्ज हो गया तो उसने दरोगा से अपने10 हजार वापस मांगे दरोगा ने10हजार वापस  देने से इंकार कर दिया और कहा कि इस मुकदमे में तेरी मदद के बदले यह रुपए मैं रख रहा हूं। अट्ठारह नवंबर को कोर्ट के जरिए उसने आपनी जमानत कराली और ट्रक को रिलीज कराने के लिए सरेंडर प्रार्थना पत्र 19 नवंबर को थाने में भी दिया।  जिसके साथ ही 22 नवंबर को थाने से ट्रक को रिलीज होने की तिथि नियत की गई। 19 नवंबर की सुबह दरोगा रंजीत थाने में मिले तो उन्होंने 10 हजार और मांगे कहा कि 10 हजार  देने के बाद ही कोर्ट में रिपोर्ट भेजूंगा नहीं तो तीन चार महीने तक गाड़ी नहीं छूटने दूंगा। जिसके बाद उसने दबाव में आकर 10 हजार रूपये और दे दिए। इसके बाद उसने  धारा 203 के अंतर्गत ट्रक के कागजों के वेरिफिकेशन के लिए रिपोर्ट लगाने को कहा तो दरोगा ने मना कर दिया। इसके एवज में और रुपयों की मांग की। अब उसे दरोगा परेशान कर रहा है। पीड़ित ने दरोगा रंजीत के विरोध तहरीर देकर मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। सीओ सरधना ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


अहमद हुसैन
 ट्रू स्टोरी


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