शुकतीर्थ बना देहाती फिल्मो का केंद्र , संस्कार विहीन युवा समाज को संस्कारमय का सन्देश पंहुचा रही... देहाती फिल्मे 


 


 मुज़फ्फरनगर की तीर्थ नगरी कहलाई जाने वाले शुकतीर्थ क्षेत्र के ग्राम भोकरहेड़ी में आजकल देसी बॉलीवुड के कलाकार अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन कर जंहा समाज का मनोरंजन कर रहे है | ग्राम भोकरहेड़ी में चल रही हरियाणवी फिल्म लाडला  समाज में होने वाली सामाजिक कुरूतियो को देसी फिल्मो के माध्यम से समाप्त किये जाने का सकारात्मक सन्देश भी दे रहे है | राजलक्ष्मी फिल्म प्रोडक्शन के तत्वाधान में उदय म्यूजिकल चैनल द्धारा निर्माण की जाने वाली फिल्म लाडला ग्रामीण पृष्टभूमि पर आधारित फिल्म है जिसमे गाँव में होने वाली राजनीति , समस्याएं ,पारिवारिक स्नेह ,संस्कार, से परिपूर्ण इस फिल्म में दर्शको को ग्रामीण पृष्टभूमि के प्राकृतिक द्र्श्यो के साथ भरपूर मनोरंजन भी देखने को मिलेगा |
    मुंबई के बॉलीवुड ने बड़े बजट की हिट फिल्मे बनाकर भले ही विश्व पटल पर अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया हो लेकिन देश के हरियाणा प्रदेश  ने भी हरियाणवी फिल्मो का निर्माण करके क्षेत्रीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करने के साथ साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किये है | इसी कड़ी में चार दशक पूर्व हरियाणवी पृष्टभूमि पर आधारित लव स्टोरी हरियाणवी फिल्म चंद्रावल ने देश में धमाल मचाकर बड़ा व्यापार कर बॉलीवुड को भी सकते में डाल दिया था | इसी परिपेक्ष में 2004 में कम बजट की रिलीज हुयी धाकड़ छोरा फिल्म ने भी अपर सफलता प्राप्त की इतना ही नहीं धाकड़ छोरा फिल्म में अभिनय करने वाले मुख्य अभिनेता उत्तर कुमार नायक से देसी फिल्मो के महानायक बन गये | आज भी उनके प्रसंशक उन्हें धाकड़ छोरा के नाम से जानते है | 
   मुज़फ्फरनगर के शुक्रताल गंगातट और आसपास ग्रामीण अंचलो में लाडला फिल्म का फिल्मांकन किया जा रहा है | उदय म्यूजिकल चैनल ग्रुप के तत्वाधान में बन रही इस फिल्म के निर्माता निर्देशक उत्तरकुमार के भतीजे प्रताप धामा है इतना ही नहीं फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में भी प्रताप धामा द्धारा फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया गया है वंही देसी बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा सपना चौधरी इस फिल्म में मुख्य अदाकारा का किरदार निभा रही है | इसके अलावा देसी बॉलीवुड में अपने बेहतरीन अभिनय की छाप छोड़ चुके विकास बालियान,रतन चौधरी,सुचित्रा सिंह,मोनू धनखड़,सुरजीत सिरोही,अमित सहोता,राजीव सिरोही,संतोष जांगड़ा,देविका शर्मा,मोनू सहरावत लाडला फिल्म में अपने अपने किरदार में नजर आएंगे | इससे पहले भी मुज़फ्फरनगर के शुक्रताल में बॉलीवुड की फिल्म सुलतान का फिल्मांकन किया जा चूका है जिसके मुख्य अभिनेता सलमान खान और अनुष्का शर्मा थी |
 देसी फिल्म लाडला में फिल्म अभिनेता प्रताप धामा के पिता की भूमिका का किरदार निभा रहे मुज़फ्फरनगर के विकास बालियान से हुए साक्षात्कार में कहा की लाडला फिल्म की शूटिंग शुक्रताल के गंगा घाट पर भी गयी है और गढ़मुख्तेश्वर के गंगा घाट पर भी की गई है | ग्रामीण अंचलो के लोग किस तरह से अपनी पुरानी संस्कृति  चाहे उनका रहन सहन हो या फिर खेती करना इसके साथ ही संयुक्त परिवार में रहकर भाई भतीजो से स्नेह रखना और गांव में प्रधान के सामने किस तरह की समस्याएं अति है उन्हें दर्शाया गया है | देसी फिल्मे कम  बजट की होती है और सामान्यत मुज़फ्फरनगर क्षेत्र में लोकेशन भी अच्छी मिल जाती है जिसका कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता और ग्रामीणों का स्नेह भी बहुत मिलता है कलाकारों को | देहाती फिल्म की मुख्य अदाकारा सपना चौधरी की माँ की भूमिका निभा रही सुचित्रा सिंह भी पत्रकारिता के लम्बे सफर के बाद देहाती फिल्मो में अपना कॅरिअर बना रही है सुचित्रा सिंह ने राजलक्ष्मी प्रोडक्शन के तहत बनी सुपर डुपर  फिल्म फजीता में देहाती फिल्मो के महानायक उत्तर कुमार की बुआ का अभिनय कर अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया   
 मुज़फ्फरनगर 2013 के सांप्रदायिक  बाद चर्चा में आया उसके बाद लोगो में अपनी संस्कृति को सुरक्षित करने की कोशिश की और धीरे धीरे मुज़फ्फरनगर में बॉलीवुड के बात देहाती फिल्मो की शूटिंग का भी प्रचलन बढ़ गया | इससे पूर्व भी प्रताप धामा की फिल्म अजल पजल का फिल्मांकन शुक्रताल इलाके में किया गया था और इस देहाती फिल्म ने शोशल मिडीया यू ट्यूब पर 90 घंटो में 90 लाख दर्शको ने इस फिल्म को देखा जिसकी संख्या आज करोड़ में हो गई | हेर्री वुड को सुपरहिट फिल्मे दे चुके एवं लाडला फिल्म में मुख्य अभिनेता का किरदार निभा रहे प्रताप धामा ने इस फिल्म में ग्राम प्रधान के शरारती बेटे सूरज का किरदार निभाया है जो की गांव वासियो को बहुत परेशान करता है लेकिन सभी रिस्तेदार चाचा ताऊ सूरज को बहुत स्पॉट करते है | ग्राम प्रधान पिता के पास जब ग्रामवासी शिकायत लेकर आते है तो प्रधान को कितनी समस्याओ का सामना करना पड़ता है इस फिल्म में दिखलाया गया है | देहाती फिल्मो को सोशल मीडिया पर चलाया जाता है जो लोग बहार रहते है उन्हें इन फिल्मो की वजह से ये महसूस देता है की हम अपनी संस्कृति और अपनों से दूर नहीं है | साथ ही कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए बहुत सरे प्लेटफार्म  मीडिया पर उपलब्ध है और रोजगार भी मिलता है क्षेत्रीय कलाकारों को | नोजवानो को ये ही कहना चाहूंगा की हमें अपने माता पिता  बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए और ये ही हम अपनी फिल्मो के माध्यम से बताते भी है | 
फिल्म की मुख्य अदाकारा सपना चौधरी का भी ये ही कहना है की वह पिछले एक साल से देहाती फिल्मो में अभिनय करने का अवसर मिल रहा है और वह अपने अभिनय को और अच्छा बनाने के लिए कड़ी मेहनत करती है | और परिवार की स्पॉट भी बहुत मिलती है हम सभी कलाकार एक परिवार की तरह मिलजुल कर अपना कार्य करते है |      
    लाडला फिल्म की पटकथा लेखक राजबीर सिंह का ये कहना है की वह अब तक 13 - 14 देहाती फिल्मो की स्क्रिप्ट लिख चुके है जिसमे हमने समाज में होने वाली सामाजिक कुरीतियों को देहाती फिल्मो के माध्यम से समाप्त किये जाने का प्रयास किया जाता है | और सबसे बड़ी बात ये है की इन फिल्मो की शूटिंग हम ग्रामीण क्षेत्रो में करते है और बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है देहाती फिल्मो के  प्रसंशक सोशल मीडिया पर है और क्षेत्रीय कलाकारों के लिए बहुत बड़ा प्लेट फार्म भी है     



 


 


 


 


 


 


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