प्रदूषण का कहर, बंद कराया गया हॉट मिक्स प्लांट
मुजफ्फरनगर। दीपावली के बाद एनसीआर क्षेत्र में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर अब पूरी तरह से अलर्ट नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा इसको लेकर गंभीरता दिखाये जाने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार कार्यवाही कर रहा है। अब जनपद में नेशनल हाईवे निर्माण के लिए चलाये जा रहे हॉट मिक्स प्लांट को बन्द कराया गया है, वहीं मुजफ्फरनगर के बाद शामली जनपद के ईंट भट्ठों पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इससे हड़कम्प मच गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर औद्योगिक इकाइयों के साथ ही निर्माण क्षेत्रों में हो रही गतिविधियों पर विशेष नजर रख रहा है। आज मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 दर्ज हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक राय ने बताया कि खतौली में संचालित नेशनल हाईवे के हॉट मिक्स प्लांट को पांच नवंबर तक बंद कराने के आदेश लखनऊ कार्यालय से जारी किए गए हैं। इस प्लांट पर ही कुछ दिन पूर्व 18 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की संस्तुति भी की गई थी। वहीं शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही भोपा रोड स्थित मीनू पेपर मिल प्रबंधन ने स्वयं ही पांच नवंबर तक मिल का संचालन नहीं करने की सहमति दी है। उधर, शामली में जिगजैग तकनीक से संचालित नहीं करने पर 50 ईंट भट्ठों पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। शामली जिले में 195 ईंट भट्ठे हैं। बता दें कि सभी जनपदों में ईंट भट्ठों को जून 2018 तक नई तकनीक में कनवर्ट किया जाना था। ज्यादातर भट्ठों को जिगजैग तकनीक में तब्दील कर दिया गया, लेकिन अभी भी कुछ ईंट भट्ठों को नियमों के विपरीत चलाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर में 40 भट्ठे पुरानी तकनीक से ही चलते पाए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच की तो इन भट्ठों का संचालन होता मिला। सभी 40 भट्ठों पर करीब 80 लाख रुपये के जुर्माने की संस्तुति की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक राय ने बताया कि जून 2018 के बाद भट्ठों का संचालन जिगजैग तकनीक से ही होना था। जो भट्ठे पुरानी तकनीक से चलते मिले उन पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने की संस्तुति की गई है। किसी भट्ठे पर एक लाख तो किसी पर डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया है। कुछ पर दो से ढाई लाख रुपये का भी जुर्माना हुआ है। 40 भट्ठों पर औसतन 80 लाख रुपये के जुर्माने की संस्तुति भी बोर्ड कार्यालय को की गई है। उन्होंने बताया कि जिगजैग तकनीक से संचालित भट्ठों में ईंधन की कम खपत होती है। इससे धुआं भी कम निकलता है। जिससे प्रदूषण भी कम फैलता है। इस तकनीक से कोयले की खपत तो कम होती ही है, ईंटों की गुणवत्ता भी सुधरती है। भट्ठों में आमतौर पर ईंट पकाने के लिए सीधी हवा दी जाती है। जिगजैग में टेढ़ी-मेढ़ी लाइन बनाकर हवा दी जाती है। इससे ईंधन कम लगता है। इस तकनीक में भट्ठों की बनावट में थोड़ा बदलाव किया जाता है। जिगजैग भट्ठों से प्रदूषण 70 फीसदी तक कम हो सकता है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शामली जनपद में भी नियमों के विपरीत चलने वाले ईंट भट्ठों पर कार्यवाही की है। इन पर एक करोड़ रुपये का भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है।