मेरठ में बनाया गया सोशल मीडिया कमांड रिसर्च सेंटर
Muzaffarnagar!
यदि आप व्हाट्सएप चलाते हैं और व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है तो हमारी यह खबर आपके लिए खास साबित हो सकती है। कारण, अयोध्या फैसले से पहले प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सभी लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि कोई भी शख्स सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए किसी तरह की कोई भ्रांति ना फैलाएं। साथ ही आपस में शांति सौहार्द का वातावरण बनाया जाए। जिसे गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और एसएसपी सुधीर कुमार सिंह द्वारा संभ्रांत लोगों को बुलाकर एक बैठक का आयोजन किया गया।
एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी सोशल मीडिया को मॉनिटरिंग किए जाने के उद्देश्य से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में एसएमआरसी यानी सोशल मीडिया कमांड रिसर्च सेंटर बनाया गया है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एसएमआरसी का कार्यालय बनाया गया है। जिसका कार्य केवल और केवल सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग ही करना है और अयोध्या फैसला आने से पहले सभी तरह की सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी बनाई जा रही है। एसपी सिटी ने खासतौर पर व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वालों को हिदायत दी है।
उनका कहना है कि यदि किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप पर कोई भड़काऊ पोस्ट नजर आई तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन की होगी। ग्रुप एडमिन के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रुप एडमिन के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की जाएगी क्योंकि वह एक प्लेटफॉर्म तैयार कर दूसरे लोगों को परोस रहा है और यदि कोई भी किसी तरह की गलत पोस्ट करता है तो निश्चित तौर पर उसका जिम्मेदार ग्रुप एडमिन को ही माना जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वालों को चाहिए कि व्हाट्सएप की सेटिंग के जरिए इस तरह की सेटिंग की जाए ताकि केवल ग्रुप एडमिन ही कोई भी पोस्ट व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट कर सके। एसपी सिटी ने बताया कि इसके लिए बुधवार को एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। ताकि सभी व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वाले इसका विशेष ध्यान रखें।