लगातार दरक रहे अंग्रेजी जमाने के पुल, दरार पडने से भोपा गंगनहर पुल पर मंडराया खतरा, कभी भी हो सकता है जमींदोज़
मुज़फ्फरनगर। अँग्रेजी जमाने मे 150 वर्ष पहले बने गंगनहर पुलों पर भारी वाहनों के गुजरने से पुलों के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। अन्य पुलों की भांति भोपा गंगनहर पुल में दरारों का पडना शुरू हो गया है। पुल के दोनों ओर आयी दरारें आने वाले खतरे की घंटी बजा रही हैं।
जनपद मुज़फ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र में गंगनहर का लगभग 20 किमी भाग आता है, जिसमें गंगनहर को पार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर आठ पुलों का निर्माण ब्रिटिशकाल में ही किया गया था। घोडा गाडी, बैलगाडी अथवा पैदल यात्रियों के लिए बने पुल चौबीस घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आज इन पुलों से ट्रक, कैंटर, ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य भारी वाहन गुजरते हैं। सन् 1842 से 1854 के मध्य में बने पुलों को मेहराब अथवा प्राचीन वास्तुकला के आधार पर बनाया गया है। लम्बी सेवाएं देने के उपरान्त आज इन पुलों पर खतरा मंडरा रहा है। भारी वाहनों के अनावरत चलने से पुलों में दरारें पड गयी हैं। भोपा स्थित गंगनहर पर बने पुल को दरारें पडनी शुरू हो गयी है, जिससे इस पुल पर खतरा मंडरा गया है। पुल के दक्षिण व उत्तर में तीनों मेहराबों में हल्की दरारें हैं तो बीच वाले मेहराब में दरारें बडी हो गयी है। बीच वाले मेहराब में कई मीटर लम्बी दरार खतरे की आशंका को जन्म दे रही है। समय रहते दूसरे का पुल का निर्माण न किया गया तो यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।