जमीयत उलमा-ए-हिन्द बुढ़ाना के प्लेटफॉर्म पर इकट्ठे हुये सभी धर्मो के लोग
बुढाना। अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्य पीठ ने सभी पक्षों की अक्टूबर में सुनवाई पूरी कर ली है। ओर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा 17 नवम्बर 2019 से पहले फैसला आने की संभावना है। प्रशासन द्वारा भी जगह जगह बैठकों का आयोजन कर शन्ति बनाये रखने की अपील की जा रही है। आयोध्या प्रकरण को लेकर शुक्रवार को जमीयत उलमा-ए-हिन्द शाखा बुढाना के तत्वावधान में नई बस्ती स्थित आसिफ क़ुरैशी के आवास ख़ादिम हाऊस पर जमीयत उलमा के पदाधिकारियों व हिन्दू एवं सिख समुदाय के जिम्मेदार लोगो ने संयुक्तरूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोध्या प्रकरण में आने वाले फैसले के सम्बंध में शांति बनाने की अपील करते हुये संवादाताओं को सम्बोधित किया। जमीयत उलमा बुढाना के पदाधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम में यह विवाद चल रहा है और सर्वोच्च अदालत से जल्द ही फैसला आने की सम्भावना है प्रेस वार्ता में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायधीशों ने सभी पक्षों के सबूतों को सुना है और जमियत के वकीलों के सबूतों को भी सुना गया है पदाधिकारियों ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी साहब ने दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से यह बात स्पष्ठ कर चुके है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुये मानेगें। भारत हमारा देश है इसमें अम्न अमान रखने की सभी हिंदुस्तान के नागरिको की जिम्मेदारी है। जमीयत पदाधिकारियो द्वारा
प्रेस वार्ता करते हुये कहा गया कि जमीयत उलमा के समस्त कार्यकर्ता अमनो अमान बनाने के लिये गांव मुहल्लों व मस्जिदों के माध्यम से लोगो समझा रहे है। ओर भाईचारे को कोई नुकसान ना पहुचाये इसके लिये प्रयासरत है ओर सर्वसमाज के लोगो से सम्पर्क किया जा रहे है। इस दौरान
जिला महासचिव मौलाना मुकर्रम क़ासमी ने कहा कि फैसला कुछ भी आये बाद में कोई भी समुदाय जश्न ना मनाये ओर फैसले को माने। जमीयत उलमा बुढाना के सदर हाफिज शेरदीन ने कहा से प्रशासन जिस तरह के प्रयास कर रहा है वो सरहनीय क़दम है इसको इज्ज़त की निगाह से देखते है प्रशासन के साथ इस कार्य मे कंधे कंधे मिलाकर साथ है हाफिज तहसीन ने कहा कि यहां सभी समुदाये के लोग आपस में मिलजुल रहते आये है। मौ0 आसिफ क़ुरैशी ने कहा की देश की खूबसूरती है कि यहाँ का संविधान धर्मनिरपेक्ष है जो सबको बराबरी का हक़ देता है उन्होंने कहा जो भी सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया फैसला देगी उसका सभी समुदायों को सम्मान करते हुये अम्न अमान बनाये रखना है। वार्ता में कहा गया जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने हमेशा भाईचारे के दामन को नही छोड़ा है इसी क्रम में संयुक्त कार्यक्रम किया गया है
सिख समुदाय से सम्बंधित ज्ञानी संजीव सिंह ने कहा कि यहां हमे रहना तो झगड़ा किस बात का? जमीयत द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है में मदनी साहब को ह्रदय से धन्यवाद दूंगा। हिंदू धर्मगुरु मन्दिर शनिदेव के आचार्य दीप प्रकाश सती ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ सिर्फ यही है कि जो भी फैसला हो उसे सभी को स्वीकार करना है तथा किसी भी सूरत में दूरियां पैदा नही होने देनी है इस दौरान प्रेस वार्ता में साफ तौर पर कहा गया कि फैसले के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन ना किया जाए
प्रेस वार्ता में मौलाना अरशद मदनी द्वारा दी गये बयान कि हिमायत करते हुये अमल करने की बात कही।