ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रदूषण की दस्तक से दहशत
(काज़ी अमज़द अली)
मोरना। प्रदूषण का भूत राष्ट्रीय राजधानी से होकर एनसीआर में आ पहुंचा है। जिसकी दहशत ग्रामीण क्षेत्र में दिखायी पडने लगी है। प्रदूषण की आशंका को लेकर अभिभावकों ने सावधानी दिखाते हुए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासने से क्षेत्र में प्रदूषण की जांच कर उसे सार्वजनिक करने की मांग की है।
मोरना क्षेत्र में प्रदूषण की आशंका को लेकर ग्रामीणों ने सतर्कता दिखाते हुए अपने बच्चों को मास्क प्रदान किये हैं। छात्र छात्राएं मास्क लगाकर स्कूल जा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार दीपावली के बाद वातावरण में बदलाव महसूस हो रहा है। शहरों से आने वाला प्रदूषण व गांव में स्थित गुड कोल्हुओं में जलायी जा रही पॉलीथीन आदि के धुएं ने वातावरण को दूषित किया हुआ है। जिससे खांसी जैसी बीमारी के होने का खतरा बना हुआ है। बारिश हो जाने तक या तेज हवा चलने तक सावधानी की आवश्यकता ग्रामीणों ने जाहिर की है। भोकरहेडी, ककराला व भोपा के ग्रामीणों ने बताया कि आबादी के पास स्थित गुड कोल्हूओं में पॉलीथीन, रबर आदि रात में जलाई जाती है, जिससे भारी दुर्गन्ध फैल जाती है। हवा में घुल रहे जहर का असर सीधे छोटे बच्चों व बुजुर्गों पर पड रहा है। प्रशासन की लापरवाही के कारण क्षेत्र में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ रहा है। समाजसेवी जयवीर सिंह, राजेन्द्र राठी, डॉ. खुशनसीब, धीरेन्द्र सिंह, विनीत गोयल, गौरव गर्ग, पंकज माहेश्वरी, मौ. तारिक आदि ने प्रशासन से प्रदूषण की जांच करने की मांग की है।