दहेज उत्पीड़न में ढाई साल की सज़ा

 


भारतीय संस्कृति में महिला का जो स्थान है सर्वोपरि है किंतु आज के दौर में दानव रुपी मनुष्य ने महिलाओं पर अत्याचार कर के उनके उच्च स्थान को समाप्त कर दिया है छोटी-छोटी बातों पर  महिलाओं को जलाने, फंसी पर चढ़ाने,और मारपीट कर घर से निकलने,जैसे अपराधों की बाद सी आ गई से थाने में लिखे जाने वाला हर दूसरा मुकदमा  महिलाओ के उत्पीड़न से संबंधित होता है इसी तरह के मामले में आज सरधना,मुंसिफ ने  सास सहित तीन अभियुक्ततो को कारावास की सजा सुनाई जानकारी के अनुसार सहायक अभियोजन अधिकारी प्रभात किरन कांत ने बताया कि सरूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कलीना निवासी सोनू ने अपनी बहन प्रवेश की शादी फरवरी 2014  में राहुल पुत्र श्यामू निवासी ग्राम नारंगपुर थाना सरूरपुर जिला मेरठ के साथ की थी। राहुल व उसका परिवार शादी में मिले दहेज से खुश नहीं था। ससुराल वाले दहेज में 50  हजार रूपये की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर 16 जनवरी 2015 की शाम प्रवेश के साथ सास सतवीरी व नंनद ज्योति ने मारपीट व गर्भवती प्रवेश को घर से निकाल दिया। इस मामले में महिला के भाई ने पति राहुल, सास सतवीरी व नंनद ज्योति को नामजद कराया था। पुलिस ने विवेचना कर राहुल, सतवीरी व ज्योति के खिलाफ आरोप पत्र मुंसिफ कोर्ट सरधना में प्रेषित कर दिया था।अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य में गवाह पेश किए गए जिन्होंने घटना के समर्थन में बयान दिए। मुंसिफ कोर्ट सरधना न्यायाधीश मौ० जुल्करनैन आलम ने गुरूवार को मामले की अंतिम सुनवाई की। 
कोर्ट ने सबूतो और गवाहों के बयान के आधार पर महिला के पति राहुल, सास सतवीरी व नंनद ज्योति को दहेज उत्पीडऩ का दोषी पाया। कोर्ट ने पति राहुल को ढाई साल के कठोर कारावास व आठ हजार रूपये के अर्थदंड एवं सतवीरी व ज्योति को डेढ-डेढ साल के साधारण कारावास व पांच पांच हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।


अहमद हुसैन
True story


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