अयोध्या पर क्या है पूरा फैसला, किन किन बिन्दुओ पर सुनाया गया निर्णय-किसको क्या मिला पढ़े विस्तार के साथ

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में  सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कह दिया कि अयोध्या की विवादित जमीन पर मंदिर बनेगा। वहीं इसके बदले मस्जिद के लिए मुस्लिमों को सरकार पांच एकड़ जमीन अयोध्या में किसी और स्थान पर देगी।अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या समेत देश भर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही यूपी, दिल्ली, बिहार, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने  क्या फैसला दिया
देखे एक नज़र में
- अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी। 
- केंद्र न्यास स्थापित करने में निर्मोही अखाड़े को भी किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे : न्यायालय
- केंद्र और उप्र सरकार साथ मिलकर प्राधिकार की आगे की कार्रवाई की निगरानी कर सकती हैं: न्यायालय
- सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिये किसी मुनासिब जगह पर पांच एकड़ जमीन दी जाए 
-विवादित 2.77 एकड़ जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास बना रहेगा : न्यायालय
- अयोध्या सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
-अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित ढांचे की जमीन हिन्दुओं को दी जाएगी। वहीं मस्जिद के लिए दूसरी जगह सरकार उपयुक्त जमीन देगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा। साथ ही मुसमलामानों को अयोध्या में उपयुक्त स्थान पर पांच एकड़ का प्लॉट देने का आदेश।
-सुप्रीम कोर्ट बोला- सरकार मुस्लिम को अयोध्या में 5 एकड़ जमीन उपयुक्त स्थान पर देगी
-अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का केस खारिज किया
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम को मस्जिद के लिए वैकल्पिक स्थान पर प्लॉट दिया जाय।
-एएसआई ने इस तथ्य को स्थापित किया कि गिराए गए ढांचे के नीचे मंदिर था : न्यायालय।
-अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत है कि बाहरी स्थान पर हिन्दुओं का कब्जा था, इस पर मुस्लिम का कब्जा नहीं था। लेकिन मुस्लिम अंदरूनी भाग में नमाज़ भी करते रहे। बाबर ने मस्जिद ने बनाई थी लेकिन वे कोई सबूत नहीं दे सके कि इस पर उनका कब्जा था और नमाज़ की जाती थी। जबकि यात्रियों के विवरण से पर चलता है कि हिन्दू यहां पूजा करते थे। 1857 में रेलिंग लगने के बाद सुन्नी बोर्ड यह नहीं बता सका कि ये मस्जिद समर्पित थी। 16 दिसंबर 1949 को आखिरी नमाज की गई। 
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  'हाईकोर्ट का यह कहा कि दोनों पक्षों का कब्जा था' गलत है उसके सामने बंटवारे का मुकदमा नहीं था। मुस्लिम ये नहीं बता सके कि अंदरुनी भाग में उनका एक्सक्लूसिव कब्जा था।  
-न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महज राय बताना एएसआई के प्रति बहुत अन्याय होगा।


- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत है कि बाहरी स्थान पर हिन्दुओं का कब्जा था, इस पर मुस्लिम का कब्जा नहीं था। लेकिन मुस्लिम अंदरूनी भाग में नमाज़ भी करते रहे।


-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यात्रियों के विवरण को सावधानी से देखने की जरूरत है। वहीं गजट ने  इसके सबूतों  की पुष्टि की है। हालांकि मालिकाना हक आस्था के आधार पर नहीं तय किया जा सकता। 


- अयोध्या मामेल पर बोला सुप्रीम कोर्ट: हिन्दुओं की आस्था और विश्वास है कि भगवान राम का जन्म गुंबद के नीचे हुए था। (एएनआई)


- अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- ASI की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष आया था कि यहां मंदिर था, इसके होने के सबूत हैं। 


- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थल पर ईदगाह का मामला उठाना आफ्टर थॉट है जो मुस्लिम पक्ष द्वारा ए एस आई की रिपोर्ट के बाद उठाया गया। 


-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम जन्मस्थान पर एएसआई की रिपोर्ट मान्य है।


--न्यायालय अब पूजा के अधिकार के लिये गोपाल सिंह विशारद के दावे पर फैसला सुना रहा है। न्यायालय ने कहा कि निर्मोही अखाड़े की याचिका कानूनी समय सीमा के दायरे में नहीं, न ही वह रखरखाव या राम लला के उपासक। 


- न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार विवादित भूमि सरकारी है। - भाषा- अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला पढ़ा जा रहा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम संतुलन पर चलेंगे। किसी के पक्ष में नहीं जाएंगे।


-शिया वक्फ बोर्ड का दावा एकमत से खारिज, सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, 'हमने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली शिया वक्फ बोर्ड की सिंगल लीव पिटिशन (SLP) को खारिज करते हैं।


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