शिकारियों से जीती मगर सिस्टम से हार गई बछिया

(सलीम सलमानी)


पुरकाजी में शिकारियो  के चुंगल से छूटी तो व्यवस्था की लापरवाही की भेंट चढ़ी बछिया।प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ गौवंश की रक्षा,सुरक्षा के प्रतिं कितने गम्भीर हे सब जानते है,लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश सरकारी यहां के सरकारी पशुओ के डॉक्टरों के लिए शायद कोई मायने नही रखते।पुरकाजी कोतवाल हरशरण शर्मा के दर्जनों बार कहने के बाद भी गम्भीर घायल बछिया की जान बचाने कोई ना आया,समाधान दिवस में की गई फरियाद भी कागजो के ढेर में दब गई।बता दे-घमात पुल के पास बस्ती में एक माह पूर्व गम्भीर घायल अवस्था में एक बछिया आई और सड़क किनारे अचेत होकर गिर गई सुचना मिलते ही गोरक्षा हिन्दू दल के जिला अध्यक्ष विनीत गुज्जर मौके पर पहुचे और पुरकाजी के पशु चिकित्सालय में फोन करके घायल बछिया की जानकारी दी,मगर कोई भी डॉक्टर मौके पर नही पहुचा।


तो ,विनीत गुज्जर ने निजी पशु चिकित से उसका इलाज करवाया और उसके चारे की व्यबस्था की,बछिया की देखभाल महिला प्रेमवती ने की ,और दर्जनों बार इसकी सूचना सरकारी पशु के डाक्टर को देते रहे,गत दिवस थाने में समाधान दिवस में भी बछिया के इलाज के लिए फरियाद की गई,मगर कोई नतीजा ना निकला और आखिरकार एक माह तक सड़क किनारे हवा,ठंड में कहारती बछिया ने सुबह दम तोड़ दिया।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बछिया के पेट में भाला लगा हुआ था ,शायद  वो शिकारियो के चुंगल से छूटकर भागी हो,लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के कारण उसकी फिर भी जान नही बच सकी।


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