कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को अब शिक्षक लेंगे गोद

 


(रविता)


मुजफ्फनगर।। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल चाहती हैं कि कुपोषण और टीबी के खिलाफ जंग में शिक्षकों की भी सहभागिता बने। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि हर एक शिक्षक एक कुपोषित या टीबी ग्रस्त बच्चे को गोद ले और 5-6 माह तक उसका पालन-पोषण करें। यदि हर शिक्षक इस सामाजिक दायित्व को समझे तो देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पीएस मिश्रा ने बृहस्पतिवार को बताया प्रदेश की राज्यपाल की ओर से इस तरह के निर्देश प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया राज्यपाल के निर्देशों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग अभियान को सफल बनाने के लिए तत्पर है। विभाग द्वारा शिक्षकों से अपील की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा शिक्षक इस अभियान का हिस्सा बनें और समाज के प्रति इस भूमिका को निभाएं। हाल ही में मिले राज्यपाल के निर्देशों के आधार पर जिले के चिकित्सकों के 2 संगठनों ने 62 बच्चों को गोद लेने की घोषणा की थी। बाल रोग विशेषज्ञों की संस्था आएपी ने टीबी से ग्रसित 20 बच्चों को गोद लेने का जिम्मा उठाया है। इसके अतिरिक्त इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) खतौली ने भी 42 बच्चों को गोद लिया है। साथ ही सामाजिक संस्थाओं को भी टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।


80 लोगों में मिले टीबी के लक्षण-


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश गुप्ता ने बताया शासन के निर्देश पर टीबी रोगियों को खोजने का अभियान 10 अक्टूबर से शुरू किया गया था, जिसका 24 अक्टूबर को समापन हुआ। इसमें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 117 टीमें लगायी गयी थीं। क्षय रोगी खोज अभियान के तहत कुल 2329 बलगम सेंपल लिये गये। इसमें 80 लोगों में टीबी के लक्षण पाये गये हैं। उन्होंने बताया जिले में 240 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इनके अलावा 4700 टीबी रोगियों का इलाज वर्तमान में किया जा रहा है। .मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पी0एस0 मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक भारत से क्षय रोग को पूर्ण रूप से समाप्ति का संकल्प लिया गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में अनेक योजनाओं और जनजागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 पी0एस0 मिश्रा ने बताया कि इसी क्रम में इंडियन रेडक्राॅस सोसाइटी, लखनऊ के द्वारा निर्देशित किया गया है कि जनपद में क्षय रोगों से पीड़ित 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को जिला रेडक्राॅस सोसाइटी के आजीवन सदस्य एवं अन्य सामाजिक संगठन या कोई भी स्वैच्छिक व्यक्ति रोगी के उपचार की अवधि तक के लिए उन्हें गोद लें सकता है। उन्होंने बताया कि क्षय रोग ग्रस्त रोगी के सामान्य उपचार की अवधि 6 माह तक होती है, जिसमें क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति को दवाईयों के साथ-साथ पौष्टिक आहार की भी जरूरत होती है, जिससे रोगी शीघ्र स्वस्थ हो पायें। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पी0एस0 मिश्रा ने जनपद के जिला रेडक्राॅस सोसाइटी के समस्त आजीवन सदस्यों एवं अन्य स्वैच्छिक संगठनों से जुड़े व्यक्तियों से आग्रह करते हुए कहा कि क्षय रोग से पीड़ित 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उपचार अवधि में गोद लेने के लिए आगे आये तथा देश को स्वस्थ बनाने में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता अदा करें। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं, या जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में कार्यरत  संजीव कुमार शर्मा से मोबाइल नं0 9557456734 पर सम्पर्क कर अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


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