ग्रीन पटाखे गायब,फूटेंगे रॉकेट व बम

एन सी आर इलाके में इस वर्ष भी केवल ग्रीन पटाखे ही चलाये जाने के निर्देश है, लेकिन एन जी टी के आदेशों को धता बता पूरे वेस्ट उत्तर प्रदेश में तेज आवाज वाले एवं प्रदूषण युक्त पटाखों का निर्माण जारी है। एक आंकडे के मुताबिक मुजफ्फरनगर,सहारनपुर, मेरठ व शामली में एक करोड़ से अधिक के पटाखे बनकर गोदाम से बिक चुके है। दीपावली तक यह आंकडा चार करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। लगातार कारीगर इन पटाखों को बनाने में जुटे हुए हैं। इनमे तेज आवाज वाले बम की सबसे अधिक  मांग है। कुछ पटाखे ऐसे है जो उफंचाई पर जाकर रोशनी के साथ फटते है। ये पटाखें भी भारी संख्या में बनाये जा रहे है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत व सहारनपुर आदि जनपदों के एनसीआर में शामिल होने के बाद यहां भी तेज आवाज वाले पटाखों एवं प्रदूषण पफैलाने वाले पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे एनसीआर क्षेत्र में ऐसे पटाखों पर रोक लगाई हुई है। पिछले वर्ष जिला प्रशासन की ओर से बड़े-बड़े दावे किये गये थे कि बाजार में केवल ग्रीन पटाखें ही बिकेगे, लेकिन दीपावली के बाद अनुमान लगाया गया तो पता चला कि मुजफफरनगर व शामली में प्रतिबन्ध्ति पटाखों का लगभग पांच करोड़ का कारोबार हुआ है। ये सब पटाखें अवैध् दुकानों के माध्यम से बेचे गये। मुजफ्फरनगर में तो हालात ये थे कि यहां जीआईसी मैदान में लगने वाली अस्थाई लाईसेंसी दुकानों पर भी ग्रीन पटाखों के दर्शन नहीं हो पाये। यहां खुले आम यह  पटाखे बिकते पाये गये थे। इन दुकानदारों ने उस समय यह कहकर जिला प्रशासन को गुमराह किया था कि उन्हें ग्रीन पटाखे उपलब्ध् नहीं हो पा रहे है। ऐसे में उन्हें इन पटाखों की बिक्री करनी पड़ रही है, लेकिन अभी नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में अस्थाई लाईसेंस लेने वालों की कतार लगी हुई है।


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