घर घर जाकर खोज होगी टी बी के मरीजों की
मुजफ्फरनगर। जनपद में टीबी रोगी खोज अभियान की शुरुआत बृहस्पतिवार को जागरुकता रैली से हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पीएस मिश्रा ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली जिला अस्पताल परिसर से शुरु होकर शिव चौक, शहर के कई क्षेत्रों में होते हुए वापस जिला अस्पताल पर आकर समाप्त हुई। रैली में लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी स्लोगन लिखे बैनर और तख्तियां हाथों में लिये हुए थे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश गुप्ता ने बताया शासन के निर्देश पर टीबी रोगियों को खोजने का अभियान बृहस्पतिवार से शुरू हो गया है। इस काम में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 117 टीमें लगायी गयी हैं। जनपद की 10 प्रतिशत आबादी का लक्ष्य मानकर घर-घर जाकर नए टीबी रोगियों की तलाश की जाएगी। संदिग्ध टीबी रोगियों की जांच कराई जाएगी। रोग की पुष्टि होने पर उनका उपचार शुरू किया जाएगा। जिले में 240 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इनके अलावा 4500 टीबी रोगियों का इलाज वर्तमान में चल रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पीएस मिश्रा ने बताया जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़े, इसके लिए सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा आज भी लोगों में जागरूकता की कमी है। यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह महीने इलाज कराने पर इससे मुक्त हो जाता है।
टीबी की बीमारी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाती है। फिर यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के रूप में सामने आती है ,जो खतरनाक है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए विभाग की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। उन्होंने कहा टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 500 रुपए पोषण भत्ते के रूप में दिये जाते हैं। यह राशि सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है।
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