सरकारी अस्पतालों में रिश्वतखोरी का खुलेआम चल रहा है खेल
तस्वीरे वाइरल
प्रत्येक मरीज के तीमारदारों से एडमिट करने के नाम पर लिए जाते हैं ₹200
दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के जिला चिकित्सालय का है जहां पर रिश्वतखोरी का खेल खुलेआम जोरों पर है और स्वास्थ्य विभाग है कि आंख बंद किए हुए बैठा है दरअसल यह पूरा मामला उस समय का है जब एक पत्रकार साथी अपने परिवार के एक सदस्य को जिला चिकित्सालय में एडमिट कराने के लिए आया तो डॉक्टरों ने अंत रोग में एडमिट तो कर लिया मगर वहां पर पहले से महिला डॉक्टर मौजूद एडमिट करते ही मांगने लगे ₹200 विरोध करने पर महिला डॉक्टरों का कहना है कि यहां तो सभी लोगों से लिए जाते हैं एडमिट के नाम पर ₹200 ऐसा जनपद मुजफ्फरनगर के इस हॉस्पिटल में कोई पहली बार नहीं अब से पहले भी कई बार ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके हैं मगर कुछ अधिकारी उस समय तो कार्रवाई की बात कहते हैं मगर फिर भी जिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर में रिश्वतखोरी का खेल जोरों पर आखिर कब लगेगी रिश्वतखोरी पर रोक
अब सवाल यह उठता है कि एक और उत्तर प्रदेश के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य विभाग किस सेवाओं को और बेहतर करने पर करोड़ों रुपया खर्च कर रहे हैं तो वहीं सरकार के सरकारी कर्मचारी ही गरीबों की जेब से एडमिट के नाम पर ₹200 की रिश्वत खोरी जबरन कर रहे हैं ऐसे में सोचना यह होगा कि यदि गरीब लोगों के पास पैसा होता तो वह सरकारी हॉस्पिटल की ओर क्यों थे क्या लग पाएगा अंकुश या ऐसे ही होती रहेगी रिश्वतखोरी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा