आई ए एस अफसर की जांच को नकार दिया पी सी एस अधिकारी ने

योगी सरकार में नगर पंचायत बुढाना का एक ओर बड़ा घोटाला आया सामने


शिकायत कर्ता  अधिकारियों के लगभग दो साल से काट रहे चक्कर


लेकिन आजतक दोषियो पर कोई कार्यवाही अमल में नही लाई गई है ।नगर पंचायत के लगभग आधा दर्जन सभासदो ने डम्पिंग ग्राउंड  (कूड़ा घर )में हुए करोड़ो के घटोलो को लेकर उच्च अधिकारी सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत भेजी गई थी


करोड़ो के घोटालों के ऐसे अखबारों में टेंडर प्रकाशन कराए गये जिनका बुढाना में कोई प्रकाशन होता ही नही


*आपको बता दे कि नगर पंचायत सभासदो द्वारा करोड़ो रुपए के डम्पिंग ग्राउंड के साथ ही नगर पँचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में उच्च अधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखित शिकायत भेजी गई थी जिसमे शिकायत कर्ता सभासदो ने  चेयरमैन बाला त्यागी व पूर्व चेयरमैन जितेंद्र त्यागी भाजपा नेता, पूर्व अधिशासी अधिकारी वेदप्रकाश यादव,,वर्तमान अधिशासी अधिकारी ओमगिरी व नगर पंचायत बुढाना में पंजीकृत ठेकेदार सचिन कुमार जैन पुत्र पवन कुमार,,प्रेमचंद त्यागी पुत्र कालूराम त्यागी,पुनीत कुमार पुत्र सोहनलाल, ओर अपने चहेते अजय कुमार संगल पुत्र शिवनन्दन संगल निवासी बुढाना  द्धारा जानबूझ कर किये गया घोटाला सिद्ध पाया गया था जिसमे पूर्व जॉइंट मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी डॉ नितिन गौड़(आई०ए०एस०) बुढाना द्वारा करोड़ो रूपये के घोटालों में सिद्ध गबन भ्रष्टाचार की रिपोर्ट 3364/S.T दिनांक 09//02/2019. को जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई थी, जिसमे नगर पंचायत के सभासदो ने आरोप लगाया कि आलोक कुमार अपर जिलाधिकारी(वित्त व राजस्व)ने जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत न कर जानबूझ कर अपराधिक जांच पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने/कराने के स्थान पर दोबारा जांच के नाम पर पत्रावली को दबाने का काम किया।जब इस सम्बंध में वर्तमान उपजिलाधिकारी से पूछा गया की चेयरमैन बाला त्यागी व पूर्व चेयरमैन जितेंद्र त्यागी भाजपा नेता,पूर्व अधिशासी अधिकारी वेदप्रकाश यादव, वर्तमान अधिशासी अधिकारी ओमगिरी व नगर पंचायत बुढाना में पंजीकृत ठेकेदार सचिन कुमार जैन,प्रेमचंद त्यागी,पुनीत कुमार आदि पर कार्यवाही क्यों नही की गई हैं तो एसडीएम बुढाना दीपक कुमार द्वारा बताया गया कि एक बार तो जांच कर भेज दी गई थी ओर अब दोबारा जांच लौटकर आई है।लेकिन सोचने वाली बात ये हैं जब एक (आई०ए०एस०अधिकारी डॉ नितिन गौड़) द्वारा की गई जांच सही पाई गई हैं तो दोबारा जाँच कराने का क्या अभिप्राय हैं।    अब देखना हैं कि योगी सरकार भाजपा नेता व दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करती हैं।


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