भू माफियाओ ने कब्ज़ाई करोडो की सरकारी जमीन.. DM से हुई शिकायत... बनी जाँच कमेटी
फरमान अब्बासी
मुज़फ्फरनगर।शाहबुद्दीनपुर क्षेत्र के मिमलाना रोड व न्याजूपुरा में भूमाफियाओं द्वारा कब्जाई गई लगभग सैकड़ो बीघा सरकारी भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराने की मानवाधिकार संघ ने डीएम से मांग की है जिस पर तुरंत ही जिलाधिकारी ने एसडीएम को उक्त जमीन की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश किये है।
भारतीय मानवाधिकार संरक्षण संघ की महिला प्रदेश अध्यक्ष बबीता शर्मा ने डीएम को सौंपे शिकायती पत्र में बताया कि शाहबुद्दीनपुर क्षेत्र के मिमलाना रोड़ व न्याजूपुरा में लगभग सैकड़ो बीघा जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर प्लाटिंग की जा रही थी, शिकायत उपरांत तत्कालीन जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निरीक्षण कर जांच कराकर करीब 53 बीघा व दूसरी 18 बीघा सरकारी भूमि को चिन्हित कर भूमाफियाओं के कब्जे से कब्जामुक्त कराया गया था और उक्त कब्जा मुक्त कराई गई सरकारी भूमि को तारबंदी करने एवं बाकी कब्जाई सरकारी भूमि की जांच के आदेश पारित किए गए थे, लेकिन कब्जामुक्त कराई गई सरकारी भूमि पर तारबंदी आदि नहीं की गई।
बताया गया कि उक्त सरकारी जमीन पर फिर से भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि भूमाफियाओं को तहसील के कुछ अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त हैं। इसके अलावा यह भी शिकायत की गई कि नदी की भूमि का चीरहरण कर उस पर भी कब्जा किया गया एवं किया जा रहा हैं।
जिलाधिकारी ने उक्त जमीन के संबंध में तथ्यों के साथ जांच आंख्या उपलब्ध कराने के एसडीएम को आदेश दिए है।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूमाफियाओं के सख्त खिलाफ हैं। इसके बावजूद कुछ अधिकारियों के द्वारा उच्च अधिकारियों को गुमराह कर भूमाफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है एवं उच्च अधिकारियों को भूमाफियाओं द्वारा कब्जा की गई जमीनों की जानकारी नहीं दी जाती है। उक्त जमीन अब डीएम के संज्ञान में आई है, अब देखना यह है कि प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं के विरुद्ध क्या कार्यवाही होती है?
शिक्षा माफिया बाबा उर्फ इमलाख के खिलाफ डीएम ने दिये जांच के निर्देश,मानवाधिकार संरक्षण संघ की मांग पर हुई जांच शुरू
मुज़फ्फरनगर।फर्जी मार्कशीट व डिग्री दिलाने में मशहूर हिस्ट्रीशीटर शिक्षा माफिया बाबा उर्फ इमलाख खान के विरुद्ध डीएम ने एसडीएम को जांच के आदेश जारी किए है।
संघ ने डीएम से उक्त शिक्षा माफियाओ द्वारा शिक्षण संस्थानों, निर्मित व निर्माणाधीन बिल्डिंगों के नक्शा पास न होने व फर्जी मार्कशीट व डिग्री बेचकर अर्जित की गई अरबो की अवैध चल अचल संपत्ति की जांच की मांग की है।
इसके अलावा अनाधिकृत निर्मित बिल्डिंगों को ध्वस्त कराने की मांग की गई है।
संघ ने उक्त शिक्षा माफिया की इनकम टैक्स विभाग, एडीएम फाइनेंस व शिक्षा विभाग, अग्निशमन विभाग आदि से भी जांच की मांग की है।
डीएम ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार भारतीय मानवाधिकार संरक्षण संघ के अध्यक्ष ने जिकाधिकारी को सौपे शिकायती पत्र में बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के शेरपुर निवासी इमलाख खान उर्फ बाबा, इमरान व आसिफ टॉप टेन अपराधी, हिस्ट्रीशीटर एवं शिक्षा माफिया है। उक्त शिक्षा माफियाओ पर धोखाधड़ी, रंगदारी, बबाल, ठगी, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट व शिक्षा माफिया आदि के अनेकों थानों व राज्यो में लगभग दर्जनों मुकदमे दर्ज है। बताया गया कि उक्त माफियाओ द्वारा हजारो छात्रों को हाई स्कूल, इंटर व ग्रेजुएशन एवं फर्जी मेडिकल डिग्रियां एमबीबीएएस, बीएएमएस, बीफार्मा, डीफार्मा, आदि फर्जी डिग्रियां कर्नाटक, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यो के कई विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी दस्तावेज, मुहर इत्यादि फर्जी तरीके से तैयार कर फर्जी डिग्रियां बनाकर लाखो रुपयों में भारी रकम वसूल करके छात्रों को दी हुई है और अवैध रूप से काली कमाई कर अरबो रुपयों की चल अचल अकूत संपत्ति अर्जित की है।
यह भी शिकायत की गई है कि उक्त व्यक्तियों द्वारा बाबा कोचिंग सेंटर मुज़फ्फरनगर, बाबा चेरिटेबल ट्रस्ट मुज़फ्फरनगर, बाबा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बरला, बाबा हाई स्कूल व इंटर कॉलेज बरला एवं बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी आदि संस्थान फर्जी व अवैध रूप से संचालित किये हुए हैं। इन्ही की आड़ में उक्त शिक्षा माफियाओ ने फर्जी मार्कशीट व फर्जी डिग्रियों का अवैध कारोबार चला रखा हैं। इनके शिक्षण संस्थानों व अर्जित की गई चल-अचल संपत्तियों की जांच की मांग की गई, जिस पर डीएम उमेश मिश्रा ने तुरंत ही एसडीएम को जांच के आदेश कर दिए हैं।
इसके अलावा इनकम टैक्स विभाग, जिला पंचायत विभाग तथा एडीएम फाइनेंस से भी शिकायत की गई जिसमें उक्त शिक्षा माफिया द्वारा निर्मित व निर्माणाधीन बिल्डिंगों के नक्शा पास न होने की शिकायत की गई, जिसकी जांच भी शुरू हो गई हैं। इसके अतिरिक्त उक्त के द्वारा निर्माण एवं संचालित के समय अग्निशमन विभाग के नियमो का भी उलंघन बताया जा रहा हैं।
गौरतलब है कि उक्त शिक्षा माफिया हिस्ट्रीशीटर है, कई बार विवादों में रहा है, शेरपुर में हुए पुलिस पर हमले में मुख्य आरोपी रहा, वही उक्त शिक्षा माफिया के विरुद्ध उत्तर प्रदेश के साथ साथ उत्तराखंड, हरियाणा राजस्थान, बिहार, दिल्ली आदि राज्यो में भी फर्जी डिग्री देने के मामले दर्ज है।
प्रशासन द्वारा पहले भी उक्त शिक्षा माफिया द्वारा संचालित बिल्डिंगों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई थी।
अब देखना यह है कि छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले उक्त शिक्षा माफिया के खिलाफ प्रशासन क्या कार्रवाई अमल में लाता हैं?