श्री द्रोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'राष्ट्र-निर्माण में इतिहास की भूमिका' विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन







गाज़ियाबाद। दनकौर स्थित श्री द्रोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कला संकाय के इतिहास विभाग द्वारा ’’राष्ट्र निर्माण में इतिहास की भूमिका’’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि वक्ता एम.एम.एच. कॉलेज, गाजियाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर समाजशास्त्री डॉ0 राकेश राणा रहे। जबकि सलाहकार समिति में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के प्रो0 कपिल देव मिश्र, एम.के. दीक्षित, सहायक आचार्य एन.सी.ई.आर.टी. कैम्पस भुवनेश्वर, प्रो. पूनम शर्मा विभागाध्यक्ष शिक्षक शिक्षा विभाग जे0वी0जैन कॉलेज सहारनपुर, प्रो. दीपक शर्मा सहायक आचार्य कु0 मायावती राजकीय महाविद्यालय बादलपुर, डॉ.सचिन कुमार शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर माधव कॉलेज ऑफ एजुकेशन हापुड, एवं डॉ. आरती पाण्डेय पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग पं. जवाहर लाल नेहरू पी0जी0 कॉलेज बांदा, शामिल रहे।

संगोष्ठी के प्रथम उद्घाटन सत्र के तहत् कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. राकेश राणा ने महाविद्यालय सचिव  रजनीकान्त अग्रवाल, प्राचार्य गिरीश कुमार वत्स, उप-प्राचार्या डॉ0 रश्मि गुप्ता के साथ किया। तत्पश्चात् प्राचार्य डॉ. गिरीश कुमार वत्स ने मुख्य अतिथि का शॉल एवं बुके द्वारा स्वागत किया। जबकि अतिथि परिचय डॉ0 अनुज भडाना एवं विषय प्रवेश डॉ. नाज परवीन द्वारा किया गया। इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. राकेश राणा ने भारत की गौरवपूर्ण इतिहास और प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्र-निर्माण में इतिहास की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सेमिनार को महाविद्यालय सचिव श्री रजनीकान्त अग्रवाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के जरिये विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकसित होती है। इसी क्रम में प्राचार्य डॉ. गिरीश कुमार वत्स, उप-प्राचार्य डॉ. रश्मि गुप्ता एवं कला संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. देवानंद सिंह ने भी अपना-अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। 

संगोष्ठी के द्वितीय सत्र (तकनीकी सत्र) में महाविद्यालय के प्राध्यापक/प्राध्यापिकाओं श्री चन्द्रेश कुमार त्रिपाठी, डॉ0 संगीता रावल, श्री योगेश नागर, डॉ0 निशा शर्मा, डॉ0 अनुज भड़ाना, डॉ0 प्रीति रानी सेन, कु0 काजोल अरोरा, श्री अमित नागर, श्रीमती शशी डहेलिया ने अपने-अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किये। 

सेमिनार का तृतीय-सत्र विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा जिसमें प्रतिभागी छात्र/छात्राओं नितीश, राखी, सोनिया सिंह, सदफ खान, अंजली नागर, वर्षा, ज्योति शर्मा, हिमानी, नम्रता पालीवाली, खुशबू पालीवाल, निशिता, निकिता, सोनू नागर, दिपांश नागर, सचिन, अनामिका, दीया झा, पूजा, अमित, क्षमा, फिजा, गरिमा, काजल शर्मा, कविता, मीना, हिमानी, छमा शर्मा, शोभा, कविता, समीर , कोमल, किरण, सना परवीन शाहबाग, रिंकी, खुशबू आदि ने भी अपना-अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया।

संगोष्ठी का समापन डॉ0 देवानंद सिंह (विभागाध्यक्ष, कला संकाय) ने धन्यवाद ज्ञापन के जरिये किया। प्रथम सत्र में मंच संचालन डॉ0 शिखा रानी (प्राध्यापिका हिन्दी विभाग) एवं द्वितीय सत्र में डॉ0 अजमत आरा (प्राध्यापिका अंग्रेजी विभाग) तथा तृतीय सत्र में कु0 काजोल अरोरा ने किया। संगोष्ठी में उपस्थित प्राध्यापक/ प्राध्यापिकाओं में डॉ0 देवानंद सिंह, डॉ0 शिखा रानी, डॉ0 संगीता रावल, डॉ0 निशा शर्मा, डॉ0 प्रशान्त कन्नौजिया, डॉ0 अजमत आरा, डॉ0 अनुज कुमार भडाना, सुनील कुमार, श्रीमती प्रीति सिंघल, श्रीमती प्रीति शर्मा, कु0 काजोल अरोरा, श्री अमित नागर, डॉ0 रश्मि गुप्ता, डॉ0 रेशा, श्री महीपाल सिंह, श्री योगेश नागर, डॉ0 प्रीति रानी सेन, विक्रम सैनी, श्रीमती हनी शर्मा, श्रीमती सोनाली बाल्यान, डॉ0 रश्मि जहाँ, डॉ0 रूचि रानी, डॉ0 कोकिल, श्री इन्द्रजीत सिंह, श्रीमती शशि डहेलिया, श्री चन्द्रेश कुमार त्रिपाठी, श्रीमती मोनिका शर्मा, श्रीमती प्रीति पतंजलि, श्री दिग्विजय सिंह, कार्यालय में श्री अजय कुमार श्री करन नागर, पुनीत कुमार गुप्ता, मुकुल कुमार शर्मा,  बिजेन्द्र सिंह (एडवोकेट), श्री विनीत कुमार, अंकित कुमार, राकेश कुमार एवं समस्त महाविद्यालय परिवार तथा बडी संख्या में प्रतिभागी छात्र-छात्राएंे उपस्थित रहे।

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