कथा सुनने में आलस्य और प्रमाद नहीं करना चाहिए: Dharmandra Upadhyaya

  मुजफ्फरनगर के शिव दुर्गा मंदिर लक्ष्मण विहार में सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण के भजनों से हुई ।श्री वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि कथा सुनने में आलस्य और प्रमाद नहीं करना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि बार-बार कथा क्यों सुने पिछली बार तो सुनी थी। कलयुग में भागवत कथा ही एकमात्र ऐसा संसाधन है। जिसके श्रवण मात्र से ही हमारे भव बंधन कट जाते हैं। इसलिए कहीं भी हो जब भी अवसर मिले बार-बार कथा श्रवण करना चाहिए।



कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने माता पिता की सेवा को भगवत प्राप्ति का साधन बतलाया। उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा के बगैर भगवान की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती। इसलिए हर घर में सबसे पहले अपने माता पिता की सेवा करनी चाहिए। यह संगीतमय भागवत में प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक भागवत कथा होती है बड़ी संख्या में  श्रद्धालु इस आयोजन में पहुंचते हैं।

श्रीमद् भागवत कथा में  किसान चिंतक एवं वरिष्ठ समाजसेवी कमल मित्तल,बी के सूर्यवंशी , दिपेंद्र मलिक,सचिन सिंघल ,प्रदीप गर्ग ,अर्जुन तिवारी, दयाशंकर तिवारी ,राकेश अग्रवाल आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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