विज्ञान रटने की नहीं, बल्कि आत्मसात करने की विद्याा: डॉ. सुधीर

  



-वेंक्टेश्वरा में हुई क्विज, पोस्टर मेकिंग, मॉडल प्रदर्शनी, आम आदमी साइंस, समेत एक दर्जन से अधिक प्रतियोगिताएं 

मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर चार दिनों से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के समापन पर उनके विजेता छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न वरिष्ठ वैज्ञानिकों/शिक्षाविदों ने विज्ञान को रटने के बजाय जीवन में आत्मसात करने पर बल देते हुए नवाचारों के साथ रिसर्च को बढ़ावा देने का आहवाहन किया। 

संस्थान के डॉ. सीवी रमन केन्द्रीय सभागार में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. पीके भारती, निदेशक एकेडमिक डॉ. राकेश यादव, डीन एप्लाइड साइंस डॉ. सीपी कुशवहा आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। अपने संबोधन में समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि ने कहा कि आज विज्ञान एवं तकनीक के दम पर कई यूरोपीय देश दुनिया के सिरमौर बने बैठे है। हमें भी नयी शिक्षा निति के अनुरूप विज्ञान को रटने के बजाय आत्मसात करने की आवश्यकता है। प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी ने कहा कि वेंक्टेश्वरा ने विज्ञान में शौध एवं अनुसंधान को बढ़ावा दने के लिए अभी तक दुनिया के सौ से अधिक ख्याति प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ शैक्षणिक अनुबंध किया है। हम रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के समापन पर संस्थान प्रबंधन ने विजेता छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मेरठ परिसर निदेशक डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ. रविशंकर, निदेशक एडमिशन अलका सिंह, कार्यक्रम संयोजक डॉ. सीपी कुशवाहा, डॉ. विवेक सचान, डॉ. एना ब्राउन, डॉ. वर्षा यादव, डॉ. ललिता नेगी, आँचल चौधरी, डॉ. एसएन साहू, डॉ. योगेश्वर, डॉ. अनिल जयसवाल, एसएस बघेल, जीडी कटियार, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहें।

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