या हुसैन की सदाओं के बीच कर्बला में दफ्न हुए ताजिये



=चेहल्लुम बड़ी अकीदत और गमगीन माहौल में मनाया गया

मेरठ। पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और शोदाये ए कर्बला का चेहल्लुम बड़ी अकीदत और गमगीन माहौल में मनाया गया। शहर सहित जैदी फार्म, लोहिया नगर में इमामबाड़ा और अजाखानों में मजलिस हुई। 
हुसैनाबाद पूर्वा फैयाज अली स्थित अलहाज डॉ. सय्यद इकबाल हुसैन मरहूम के अजाखाने में लखनऊ से आए सुप्रसिद्ध आलिम मौलाना अबू इस्तेखार ने मजलिस को खिताब किया। कहा कि दीन इस्लाम को बचाने के लिए हजरत इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों ने कर्बला में अपनी शहादत पेश करके दुनिया को जुलम और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करने का जो पैगाम दिया, उस पर अमल करके जिंदगी मिसाली बनाई जा सकती है। इससे पूर्व अलहाज सैयद शाह अब्बास सफवी ने पुरखुलूस अंदाज में नोहैखवानी की। मजलिस के उपरांत अंजुमन दस्ता ए हुसैनी के हुमायूं अब्बास ताबिश, विशाल ने गमगीन नोहे पड़े। इसी क्रम में अनवर हुसैन, अफजाल हुसैन के अजाखाने कोठी अनातस में भी मजलिस हुई। मनसबया घंटाघर में आयोजित मजलिस के उपरांत जुल्जनाह की जियारत के दौरान अंजुमन इमामिया मातम व नोहेखानी की। 
इमाम बारगाह में रखे हुए थे ताजिये
कोविड-19 महामारी के कारण गत वर्ष ताजिए के जुलूस नहीं निकाले जा सके थे, इसलिए ताजिए इमाम बारगाह में रखे हुए थे। शिया समुदाय की मांग पर ताजिए दफनाए जाने के लिए सीमित संख्या में प्रशासन द्वारा जुलूस बरामद करा दिया गया, जो 1 घंटे में कर्बला गंतव्य पहुंचकर संपन्न हुआ। जुलूस ए ताजिया इमामबारगाह करीम बख्श जाटव से प्रातः 9:00 बजे ताजिया बरामद हुआ। 4:00 बजे चौड़ा कुआं स्थित छोटी कर्बला में कदीमी जुलूस ताजिया हसन रजा के प्रबंध में बरामद हुआ, जिसमें जुल्जनाह हजरत अब्बास के अलम भी शामिल थे। जुलूस में अंजुमन इमामिया के रवीश, चांद मियां मीसम तथा दस्ता ए हुसैनी के हुमायूं अब्बास ताबिश, गिजाल रजा, तंजीम ए अब्बास के सफदर और दारेन, जिया जैदी ने पुरसोज नोहे खुवानी करके कर्बला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश किया।
इन्होंने संभाली वयवस्था
जुलूस की व्यवस्था मोहर्रम कमेटी के संयोजक अलहाज सैयद साहब सफवी, डॉक्टर सरदार हुसैन, मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी, हाजी शमशाद अली जैदी, मासूम असगर, कौशर राजा, गुड्डू, रईस हैदर जैदी आदि संभाले हुए थे। जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घंटाघर, रेलवे रोड, ईदगाह चौराहा से गुजरता हुआ हाजी साहब व कर्बला मंसबिया पहुंचा। जहां अंजुमनों ने अलविदा या हुसैन की सदा के बीच नोहे पढ़कर गमगीन माहौल में इमाम हुसैन को अलविदा कहा। 
8 रबी उल अव्वल तक मजलिसों का सिलसिला जारी रहेगा
मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी ने बताया कि 8 रबी उल अव्वल मजलिसों का सिलसिला जारी रहेगा। मोहर्रम कमेटी के संयोजक अल्हाज सैयद शाह अब्बास सफ़वी ने प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन व मीडिया के योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया। 

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