चना-गुड़ खाएंगे, एनीमिया दूर भगाएंगे के नारे से किया जागरूक
(Ravita)
मुजफ्फरनगर। जनपद में एनिमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सीएचसी पुरकाजी पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी ग्रामीण महिलाओं के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं एवं जो किशोरियां स्कूल जाने में किसी भी कारण से असमर्थ है उनको अमंत्रित किया गया। जहां सीएचसी प्रभारी सुनीता गौड़ ने सभी कर्मचारियों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों एवं ग्रामीण महिलाओं को जागरुक करते हुए एनिमिया से बचने के उपाय सुझाए। इस दौरान सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मी भी कार्यक्रम में शामिल हुए। और क्षेत्र के लोगों को एनीमिया की जानकारी दी। साथ ही साफ-सफाई के प्रति प्रेरित किया। इस दौरान सभी लोगों ने ‘गुड़-चना खाएंगे एनीमिया दूर भगाएंगे’ के नारे लगाए।
सीएचसी प्रभारी सुनीता गौड़ ने कहा कि खून की कमी की वजह से एनीमिया होता है। जिससे व्यक्ति को जान का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खून की जांच समय-समय पर कराते रहनी चाहिए। जिससे उन्हें खून की कमी को पूरा किया जा सके। किसी भी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी न रहने पाए। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। शरीर में खून की कमी होने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। इसके साथ ही कई गंभीर बीमारियां जन्म ले लेती हैं। एनीमिया आयरन की कमी से अंदरूनी रक्त रिसाव के कारण होने वाली खून की कमी, गठिया, कैंसर या किडनी रोग की वजह से हो सकता है। सीएचसी पर खून की निशुल्क जांच की जाती है। खून की कमी होने पर दवाएं भी दी जाती हैं। और समय-समय पर आयरन की गोलियां भी वितरित की जाती है।
उम्होंने बताया कि थकान होना, बार-बार गला सूखना, आंखों में पीलापन, बालों का झड़ना आदि लक्षण एनिमिया के होते हैं। किसी को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उपचार कराना चाहिए। खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा पुरुषों में 12 से 16 प्रतिशत और महिलाओं में 11 से 14 प्रतिशत होनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एनीमिया बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है। गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए। पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण यहा बीमारी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में एनीमिया के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। और आयरन की टेबलेट भी वितरित की जाती है।
सीएचसी प्रभारी ने बताया कि शरीर में आयरन की जरूरत को पूरा करने के लिए खाने में चकुंदर, गाजर, ट्माटर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अवश्य करना चाहिए। खाने में गुड चने का इस्तेमाल करें। कोशिश करें की काला गुड खाने की आदत पड़े, यह हीमोक्लोबिन की मात्रा को जल्द बढ़ाने में मददगार होता है। जब भी घर पर सब्जी बनाएं, तो उसे लोहे की कढ़ाई में बनाएं, इससे खाने में आयरन की मात्रा काफी बढ़ जाती है।