स्कूलों में मास्टर जी बच्चो को बतायेगे तम्बाकू के नुकसान
(रविता)
मेरठ। ई सिगरेट एवं तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिये शासन की ओर अनूठी पहल की गयी है। इसके लिये शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले किशारों को इसके प्रति जागरूक करेगा ताकि उन्हें धूम्रपान व नशीले पदार्थों के सेवन से बचाया जा सके। इसके लिये माध्यमिक स्कूलो में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव द्वारा जारी निर्देश के अनुसार माध्यमिक स्कूलों में प्रात:काल होने वाली प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं को ई सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा। प्रधानाचार्य अपने विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के स्कूल बैग की जांच कराएंगे। यदि किसी विद्यार्थी के पास ई सिगरेट या तंबाकू से बने उत्पाद पाए गये तो उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा किया जाएगा। इसके लिये स्कूलों में समय-समय लगातार यह अभियान चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस बात पर जोर दिया जाएगा कि माध्यमिक स्कूलों के आस-पास 100 मीटर के दायरे में किसी दुकान पर तम्बाकू उत्पाद न बेचे जाएं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजकुमार ने बताया तंबाकू के उपयोग से शरीर का हर अंग प्रभावित होता है। इसमें मुख्यत: कैंसर, ह्दयरोग, फेफड़ों की बीमारी अधिक होती है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गंभीर है। इसके लिये समय-समय पर अभियान चला कर लोगों को धूम्रपान के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके उपयोग पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाने के लिये स्वास्थ्य विभाग की राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीमें लगी हैं। जो सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में जागरूकता अभियान चला रही हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार ने बताया जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य को तंबाकू से निर्मित पदार्थों गुटखा आदि के सेवन से होने वाली मानसिक एवं शारीरिक विसंगतियों के बारे में विद्यार्थियों में जागरूकता फैलाने का निर्देश जारी किया गया है। स्कूल की दीवारों पर स्लोगन के माध्यम से किशोरों को इसके प्रति सचेत भी किया जायेगा। उन्हें तंबाकू सेवन पर होने वाले जुर्माने के बारे में भी बताया जाएगा।